पटना:बिहार के सीएम नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) के जनता दरबार (Janta Darbar) में आज जमीन और पुलिस के मामले सबसे अधिक आए. जनता दरबार के बाहर भी पुलिस और जमीन से संबंधित मामले लेकर ही लोग गुहार लगाते रहे. जिन लोगों का रजिस्ट्रेशन हो गया है और अभी तक मुख्यमंत्री की ओर से बुलावा नहीं आया है, ऐसे लोग भी पहुंच रहे हैं. मुंगेर से आए एक शहीद पुलिसकर्मी के परिजन मुख्यमंत्री को अवार्ड लौटाना चाहते हैं. पुलिस कर्मी के परिजनों का कहना है कि लोकसभा चुनाव में उन्हें मसौढ़ी में बम से उड़ा दिया गया था लेकिन अब तक परिवार के किसी सदस्य को नौकरी नहीं मिली है. पिछले 25 सालों से दर-दर भटक रहे हैं. ऐसे में यह अवार्ड लेकर हम लोग क्या करेंगे?
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मुंगेर से अपने दो बेटे रितेश और नीरज के साथ पहुंची जयमाला देवी मुख्यमंत्री को अवार्ड लौटाना चाहती हैं. जयमाला देवी के पति राजेश्वर मंडल बिहार पुलिस में थे. 1996 के लोकसभा चुनाव में मतदान के बाद जब बैलट बॉक्स लेकर लौट रहे थे, उसी दौरान उन्हें बम से उड़ा दिया गया था. इसमें उनकी मौत हो गई थी. उस समय उनके बेटे छोटे-छोटे थे. अब बेटे बड़े हो चुके हैं और चाहते हैं कि उन्हें नौकरी मिले.
जयमाला देवी के तीन बेटे हैं- रितेश, नीरज और रुपेश. जनता दरबार में पहुंचे रितेश और नीरज का कहना है कि हम लोगों को नौकरी नहीं मिलेगी तो फिर इस अवार्ड को लेकर हम लोग क्या करेंगे. इसलिए मुख्यमंत्री को हम लोगों ने अवार्ड लौटाने का फैसला लिया है. दोनों भाइयों का कहना है कि कि मेरी मां 25 सालों से लगातार अधिकारियों से मिल रही हैं. हम लोग भी अब डीजीपी सहित कई अधिकारियों से गुहार लगा चुके हैं लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ है. अवार्ड और यह शॉल मिला है, लेकिन इससे हम लोगों की जिंदगी चलने वाली नहीं है.