पटना: बिहार सत्तारूढ़ गठबंधन (Bihar Ruling Coalition) में प्रमुख घटक दल जदयू 2021 में आरसीपी सिंह, ललन सिंह और उपेंद्र कुशवाहा की गुटबाजी (Factionalism in JDU) चर्चा में रही. ललन सिंह ने आरसीपी सिंह के करीबियों को एक-एक कर सगंठन के पदों से बाहर का रास्ता दिखाया. उपेंद्र कुशवाहा और आरसीपी सिंह के बीच अभी भी दूरियां कम नहीं हुई हैं. राहत इतनी रही कि बिहार विधानसभा के उपचुनाव (Bihar Assembly by elections) के दोनों सीटों पर जदयू को जीत मिल गयी लेकिन नये साल में पार्टी के लिए चुनौतियां लगातार बढ़ रही हैं.
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2021 में आरसीपी सिंह के बनाए सभी प्रकोष्ठों को भंग किए जाने के कारण पार्टी के अंदर असंतोष है. पिछले दिनों मुजफ्फरपुर में मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में जिस प्रकार से हंगामा हुआ, वह एक बड़ा उदाहरण है. प्रदेश अध्यक्ष ने पटना कार्यालय में भी मुजफ्फरपुर के नेताओं को बुलाया था. पटना कार्यालय में हुई बैठक के दौरान भी जमकर हंगामा हुआ था. पार्टी में ललन सिंह, आरसीपी सिंह और उपेंद्र कुशवाहा अपने लोगों को अधिक से अधिक जगह दिलाना चाहते हैं.
भंग प्रकोष्ठों का गठन जनवरी में ही होना है. ऐसे में जिस गुट के लोगों को जगह नहीं मिलेगी, उनमें असंतोष बढ़ना तय है. पार्टी के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार का कहना है कि पार्टी में कोई गुट नहीं है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) एकमात्र गुट हैं. किसी को संदेह है तो अपना संदेह दूर कर ले.