पटना: बिहार विधान परिषद के स्थानीय निकाय की 24 सीटों पर होने वाले चुनाव को लेकर अगले कुछ दिन बेहद महत्वपूर्ण हैं. महागठबंधन में कांग्रेस और राजद एक साथ चुनाव लड़ेंगे या नहीं, इस पर फैसला होना बाकी है. राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (RJD supremo Lalu Prasad Yadav) के पटना आने के बाद अब इस बात पर सबकी नजर है कि कांग्रेस और राजद के बीच कुछ सीटों पर तालमेल (Congress RJD alliance) होता है या दोनों दल इस चुनाव में अलग-अलग उतरेंगे. इस बीच 10 सर्कुलर रोड पर राजद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक (RJD national executive meeting) और विधान परिषद चुनाव को लेकर तैयारियां अंतिम चरण हैं.
पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के सरकारी आवास 10 सर्कुलर रोड के ठीक सामने एक बड़ा पोस्टर लगा है. उस पर लिखा है, 'हमारे सरकार आ रहे हैं'... 'बिहार मतलब लालू और लालू मतलब बिहार.' पार्टी के एक कार्यकर्ता द्वारा लगाया गया यह पोस्टर काफी कुछ बयां कर रहा है. बात विधान परिषद चुनाव की करें तो 8 फरवरी को महागठबंधन के उम्मीदवारों की लिस्ट जारी होनी थी लेकिन आखिरी वक्त में यह कार्यक्रम टल गया.
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अब इंतजार लालू प्रसाद यादव की हरी झंडी का है कि क्या महागठबंधन में सिर्फ राजद और वामदल ही इस चुनाव में एक साथ उतरेंगे या कांग्रेस के साथ भी कुछ सीटों को लेकर सहमति हो सकती है. राजद सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस के साथ रिश्ते को लेकर राजद गंभीरता से विचार कर रहा है. इसकी बड़ी वजह इस साल होने वाले कई चुनाव हैं. जिनमें कांग्रेस की अहम भूमिका होगी.
कांग्रेस के साथ खराब होते रिश्ते को देखकर राष्ट्रीय दल की तरफ से अब यह कोशिश हो रही है कि महागठबंधन में कांग्रेस भी राजद और वामदलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ें. जब से राष्ट्रीय जनता दल ने ये स्पष्ट किया कि राजद इस बार विधान परिषद चुनाव में अकेले उतरने की तैयारी में है, उसके बाद से बिहार प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने भी साफ साफ कह दिया कि वे भी मजबूती के साथ अकेले मैदान में उतरेंगे. साथ ही भविष्य में भी इस बात का ख्याल रखेंगे कि बिहार में कांग्रेस अकेले चुनाव लड़े. कांग्रेस के इस रूख से भविष्य में राजद के लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है. यही वजह है कि अब इस बात की कोशिश हो रही है कि कांग्रेस के साथ राजद और वाम दल मिलकर चुनाव लड़ें.