पटना:कहते हैं कि हौसला अगर बुलंद हो तो कामयाबी आपके कदम चुमती है. बिहार (Bihar) के बच्चे केवल पढ़ाई लिखाई ही नहीं, बल्कि फिल्म की दुनिया में भी महारथ हासिल कर राज्य का नाम रोशन कर रहे हैं. फिल्म सुपर थर्टी (Super 30) में बसंती के रोल में दिखी पटना की नेहा ने बताया कि वह बिहार बाल भवन किलकारी की छात्रा हैं. किलकारी की बदौलत ही वो आज इस मुकाम तक पहुंची हैं. किलकारी में थिएटर सीखती थी, लेकिन मम्मी का साथ नेहा को नहीं मिल रहा था. नेहा की मम्मी को थिएटर सीखना पसंद नहीं था, ऐसे में नेहा ने चोरी चुपके एडमिशन करवाकर किलकारी में थिएटर सीखना शुरू कर दिया था.
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नेहा सुपर थर्टी फिल्म में बाल कलाकार के रूप में अभिनय दिखा चुकी है. नेहा के घर की माली हालत बिल्कुल अच्छी नहीं है और अब उनके पिताजी भी इस दुनिया में नहीं हैं. शुरुआती दिनों में भले ही परिवार का साथ नेहा को नहीं मिला, लेकिन जब सुपर थर्टी के लिए नेहा का चयन किया गया जिसके बाद नेहा को घर परिवार का भी साथ मिला और आसपास पड़ोसी भी नेहा को मान आदर देने लगे.
''सुपर थर्टी के ऑडिशन के समय 18 हजार बच्चे ऑडिशन के लिए पहुंचे थे, उसमें मेरा चयन हुआ था. सुपर थर्टी में मैंने एक विद्यार्थी का रोल निभाया है. पहली बार कैमरे के सामने बोल पाने में बहुत ही मुश्किल होती है, लेकिन अपने हौसले को बुलंद करके मैंने अपने अभिनय को सभी के सामने प्रदर्शन कर लोहा मनवाया. सिलेक्शन होने के बाद हमें मुंबई ले जाया गया. इस फिल्म के लिए मैंने काफी संघर्ष और मेहनत किया.''-नेहा कुमारी, बाल कलाकार
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नेहा ने बताया कि अब उनकी मां नेहा से काफी खुश रहती हैं. नेहा ने अपनी मां को पूरी तरह से समझाया की पढ़ाई के साथ-साथ कुछ और भी कला सीखना बेहद जरूरी है. इस दुनिया में इसलिए उन्होंने थिएटर को चुना और थिएटर के जरिए उनको अब आगे बढ़ना है. उन्होंने ईटीवी भारत को बताया कि वह पढ़ाई के साथ-साथ अब फिल्म की दुनिया में अपना नाम पहचान बनाना चाहती हैं. नेहा ने बताया कि जब पहली बार वह मुंबई पहुंची, जब शूटिंग शुरू हुई तो बिहारी होने के नाते वहां के लोग मजाक उड़ाते थे, लेकिन जब हमने अपनी शूटिंग शुरू की और एक टेक में अपने शॉट को फाइनल किया तब वहां के लोगों ने कहना शुरू किया कि बिहारी बच्चे में काफी टैलेंट होता है.
उन्होंने कहा कि पटना में जिस तरह से सरकार के द्वारा किलकारी संस्था चलाई जाती है. जहां पर बच्चे पढ़ाई और कला के क्षेत्र में पारंगत होते हैं, उसी तरह से बिहार के कई और जिलों में भी किलकारी के तर्ज पर संस्था खोलने चाहिए. जिससे बिहार के बच्चे अपनी प्रतिभा को निखार सकें, बिहार में प्रतिभाओं की कमी नहीं है. नेहा ने बताया कि बिहार के बच्चे आज हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं, प्रतिभाओं की यहां पर कोई कमी नहीं है. सरकार अगर अच्छा प्लेटफार्म दे दें तो बिहार के बच्चे पूरे देश और दुनिया में अपनी पहचान बना सकते हैं.