पटना:बिहार की बिगड़ी कानून व्यवस्था (Bihar Deteriorating Law and Order) को पटरी पर लाने की बात प्रशासन करती है. सरकार के स्तर पर इसके लिए पहल भी की गई. बीते पिछले सालों के दौरान नये थाना खोलने को लेकर निर्णय लिया गया. एक-एक कर 54 नये थाना को लेकर गृह विभाग की तरफ से अधिसूचना भी जारी कर दी गई. मगर आज तक ये थाने अस्तित्व में नहीं आ सका. हालांकि इस दौरान पूर्व से संचालित कई पुराने थानों को अपना नया अत्याधुनिक बिल्डिंग जरूर नसीब हो गया है.
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'नोटीफाई थाने और उसके हिसाब से मानक स्टैंडर्ड भवन की दिशा में बहुत तेजी से कार्रवाई हो रही है. और ये लगातार कार्रवाई पिछले कई सालों से चल रही है, लगभग सभी थानों का अपना भवन हो जाएगा. कुछ ऐसे थाने जरूर हैं, जो चल रहे हैं. परंतु इनका नोटिफिकेशन नहीं हैं. कई सालों से थाने चल रहे हैं तो उनको सीधे थाने में परिवर्तित करेंगे.'- जितेंद्र सिंह गंगवार, ADG पुलिस मुख्यालय बिहार
54 नये थाना अभी तक नहीं बन पाए:मिली जानकारी के अनुसार54 नये थाना ये सिर्फ कागज पर हैं, वो धरातल पर नहीं उतर सका. हालांकि ADG जितेंद्र सिंह गंगवार का कहना है कि किन कारणों से ये थाने अस्तित्व में अब तक नहीं आ सकें, इस पर मंथन हो रहा है. जिन थानों के सृजन को लेकर गृह विभाग की तरफ से वर्षो पहले अधिसूचना जारी की गई, उनमें पटना जिले में पांच रोहतास जिला में तीन, भभुआ में चार, गया में एक, नवादा में तीन, औरंगाबाद में तीन, मुजफ्फरपुर में नौ, वैशाली में चार, सीतामढ़ी में तीन, शिवहर में एक है.