पटना:जदयू के जन सुनवाई कार्यक्रम में पहुंचे शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी (Education Minister Vijay Kumar Choudhary) ने विश्वविद्यालय के छात्रों के हो रहे आंदोलन पर कहा कि (Education Minister On MU Student Protest) उनकी मांग जायज है. सरकार छात्रों के साथ है. पिछले दिनों कुलपतियों के साथ हमने बैठक भी की थी, सभी विश्वविद्यालयों की ओर से आश्वासन मिला है. 6 महीने से साल भर के अंदर सेशन को नियमित कर लिया जाएगा. ऐसे हम लोग अब लगातार इसकी समीक्षा और मॉनिटरिंग भी करेंगे.
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'छात्रों की मांग जायज' :गौरतलब है किबिहार के विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक सत्र लगातार विलंब से चल रहे हैं. कई साल से देरी से चल रहे सत्र के कारण परीक्षा होने और डिग्री मिलने में भी लंबा समय लग जा रहा है. इसके कारण काफी समय से मगध विश्वविद्यालय सहित कई विश्वविद्यालय के छात्र आंदोलन कर रहे हैं. छात्रों के आंदोलन पर शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि बच्चों की मांग बिल्कुल सही है, सेशन नियमित होना चाहिए. परीक्षाएं समय पर होनी चाहिए.
'सरकार लगातार प्रयास कर रही है. हमने महामहिम के साथ पिछले साल अगस्त में सभी कुलपतियों की बैठक की थी उसमें भी नियमित सत्र करने का निर्देश दिया था. विश्वविद्यालय और महाविद्यालय में कक्षाएं और परीक्षाएं नियमित हो तभी सही ढंग से हमारे छात्रों को शिक्षा मिल सकती है. परीक्षाएं विलंब होने से छात्र बुरी तरह प्रभावित हैं. और यह स्थिति सरकार को स्वीकार नहीं है. पिछले दिनों हमने कुलपतियों के साथ भी बैठक की है और उनसे लिखित आश्वासन लिया है. कुलपतियों ने 6 महीने से साल भर के अंदर सेशन को नियमित करने का आश्वासन दिया है. सरकार लगातार मॉनिटरिंग करेगी और समीक्षा भी करेगी.'- विजय कुमार चौधरी, शिक्षा मंत्री
सेशन लेट होने से छात्र हैं परेशान :गौरतलब है किबिहार की राजधानी पटना में मगध विश्वविद्यालय (MU students protest ) के छात्रों ने राजभवन मार्च निकाला. प्रदर्शनकारी छात्र सेशन लेट होने के चलते नाराज हैं. उनका कहना है कि उन लोगों की पढ़ाई का सत्र 2 से 3 साल तक विलंब से चल रहा है और सेशन को सही करने के लिए कोई सुनवाई नहीं हो रही है. मगध विश्वविद्यालय में कोई स्थायी कुलपति भी नहीं है, जिसकी वजह से समस्या और बढ़ी हुई है. ऐसे में वह राज्यपाल से मिलकर अपनी बातों से अवगत कराना चाहते हैं ताकि उन लोगों के भविष्य से मजाक बंद हो.
तीन साल के कोर्स में लग रहे 6 से 8 साल :विश्वविद्यालय के 2020-23 बैच के छात्रों ने बताया कि अभी तक उन लोगों का रजिस्ट्रेशन भी नहीं हुआ है, इस वजह से फर्स्ट ईयर का भी एग्जाम नहीं हुआ. अब तक उन लोगों का सेकंड ईयर के एग्जाम हो जाना चाहिए था .ऐसे में उन लोगों का भविष्य बर्बाद हो रहा है. 3 साल का कोर्स करने में 6 से 8 साल लग रहा है. राजभवन की ओर से इस संबंध में कोई संज्ञान नहीं लिया जा रहा है और छात्रों का भविष्य बर्बाद हो रहा है. कई छात्र सरकारी नौकरी में चयनित हो चुके हैं लेकिन ग्रेजुएशन की डिग्री नहीं होने की वजह से वे नौकरी से वंचित हो जा रहे हैं.