पटना:बिहार सरकार की नीति के अनुसार राज्य के सरकारी विभागों में 35% महिला आरक्षण (35 Percent Women Reservation) के कारण पुलिस मुख्यालय का मानना है कि महिलाओं की आर्थिक स्थिति में सुधार आया है, साथ ही महिलाएं स्वावलंबी हुई हैं, जिससे राज्य की महिलाओं के सशक्तिकरण को बढ़ावा मिला है.
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पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार (PHQ ADG Jitendra Singh Gangwar) की माने तो पुलिस विभाग की नौकरी में आने के कारण महिलाओं में साक्षरता बढ़ी है. महिलाएं उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहती हैं और अल्प आयु में विवाह की परंपरा पर भी अंकुश लगा है. बिहार में वयस्क होने पर ही अभिभावक अपनी बेटियों की शादी करने के लिए विवश हैं.
''महिलाओं के सरकारी विभाग विशेषकर पुलिस विभाग में नियुक्ति के कारण घरेलू हिंसा की दर में भी गिरावट आई है. महिलाओं के पुलिस डिपार्टमेंट में आ जाने से अन्य महिलाएं महिला पुलिसकर्मी के समक्ष अपनी शिकायतों को आसानी से बता पाती हैं, जिस वजह से बिहार के सभी थानों में महिला अध्यक्ष की स्थापना की गई है और महिला पुलिसकर्मी की तैनाती की गई है.''-जितेंद्र सिंह गंगवार, एडीजी, पुलिस मुख्यालय
महिला से जुड़े अपराध में महिला पुलिसकर्मी के होने से काफी सहूलियत हो रही है. पुलिस पेट्रोलिंग में महिला पुलिसकर्मी के होने की वजह से ग्रामीण क्षेत्रों के साथ-साथ टूरिस्ट, पर्यटन क्षेत्रों और बाजारों में आम लोगों के साथ-साथ महिलाओं में महिला पुलिसकर्मी को देखकर हाथ में बल आता है.
बिहार पुलिस मुख्यालय (Bihar Police Headquarters) के आंकड़े के अनुसार राज्य में घरेलू हिंसा के साल 2019 में 4723 केस दर्ज हुए थे, वहीं वर्ष 2020 में 3946 और 2021 के अक्टूबर माह तक महज 2207 केस दर्ज हुए हैं. इन कारणों से भी स्पष्ट है कि राज्य में घरेलू हिंसा की दर में कमी आई है, जो महिलाओं के आर्थिक रूप से सफल होने का परिणाम है. दरअसल, पुलिस मुख्यालय का मानना है कि पुलिस विभाग में नियुक्ति प्राप्त करने के लिए महिलाओं के द्वारा आवेदन किए जाने की संख्या में भी लगातार वृद्धि हुई है. लगातार बिहार पुलिस में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी को देखते हुए अन्य लड़कियां भी उनके जैसे पुलिस विभाग में भर्ती होना चाह रही हैं.
पूजा का मानना है कि बिहार सरकार ने महिलाओं के लिए 35% आरक्षण दिया है, जिस वजह से वह नौकरी करना चाहती हैं. नौकरी करने से आत्मनिर्भर बन पाएंगी और अपने परिवार को भी मदद कर पाएंगी. उन्होंने कहा कि महिलाओं की नौकरी में आने से घरेलू हिंसा में जरूर कमी आ रही है.