पटना: बिहार पृथ्वी दिवस 2021 (Bihar Earth Day) के मौके पर कदमकुंआ स्थित राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय में आयुर्वेदीय वन महोत्सव का आयोजन किया गया. इस दौरान लोगों के बीच औषधीय पौधों (Medicinal Plants) का वितरण किया गया. साथ ही लोगों से पेड़-पौधों को बचाने के लिए अपील की गई.
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इस मौके पर प्राचार्य डॉ. दिनेश प्रसाद ने बताया कि कॉलेज द्वारा विश्व पृथ्वी दिवस को आयुर्वेदीय वन महोत्सव के नाम से मनाया जा रहा है. इस मौके पर कई सारे औषधीय पौधों का वितरण किया जा रहा है. जिनमें गिलोय, नीम, तुलसी, इमली, ब्रह्माणी, एलोवेरा, भूईं, आंवला, जामुन और पत्थर चूर्ण जैसे औषधीय पौधे लोगों को दिए गए हैं.
उन्होंने कहा कि ये पौधे हमारे वातावरण में चारों तरफ मिल जाते हैं. ऐसे पौधों को लोगों के बीच वितरण किया जा रहा है. इसके साथ ही सभी पौधों के औषधीय महत्व के बारे में भी लोगों को अवगत कराया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जितने भी पेड़-पौधे धरती पर हैं, वे धरती के शृंगार हैं.
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दिनेश्वर प्रसाद ने बताया कि धरती पर जितने भी पेड़ पौधे हैं, सभी के विशेष औषधीय गुण हैं. उन्होंने कहा कि विभिन्न बीमारियों के लिए अलग-अलग प्रकार के पौधे हमारे वातावरण में उपलब्ध हैं. इसके अलावा हमारे खाने-पीने के लिए भी पेड़-पौधे बेहद अहम हैं.
राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय के प्राचार्य ने कहा कि अभी कोरोना के दौरान हमने जाना कि गिलोय, तुलसी और नीम जैसे औषधीय पौधों का कितना महत्व है. उन्होंने कहा कि सामान्य दिनों में भी आयुर्वेद कॉलेज से औषधीय पौधे लोगों को प्राप्त हो सके, इसके लिए कॉलेज में एक हर्बेरियम बनाया जा रहा है. यहां से काफी कम लागत में लोगों को औषधीय पौधे हर समय प्राप्त हो सकेंगे.