पटना: देश में इस वक्त सबकी नजरें मायानगरी मुंबई और सुशांत सिंह राजपूत मामले में एनसीबी की कार्रवाई पर टिकी है. एनसीबी ने मामले में कुछ बड़ी कार्रवाई भी की है. इन सब के बीच बीते एक हफ्ते में बिहार के विभिन्न हिस्सों से चरस, गांजा और ब्राउन शुगर की बड़ी खेप बरामद हुई है. इससे ये सवाल गहराता जा रहा है कि क्या नेपाल के रास्ते देश में ड्रग्स के कारोबार के लिए बिहार एक चैनल बनता जा रहा है.
करोड़ों रुपये के ड्रग्स बरामद
दरअसल राज्य के मोतिहारी, मुजफ्फरपुर और रक्सौल से बीते सप्ताह ही करोड़ों रुपये के ड्रग्स बरामद किए गए. इसके साथ ही इन सबमें शामिल तस्करों को भी गिरफ्तार किया गया. सबसे पहले बात मोतिहारी की, यहां से पुलिस ने पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर एनएच 28 पर 26 किलो 434 ग्राम चरस बरामद की. तस्कर मुजफ्फरपुर से चरस की ये खेप लेकर महाराष्ट्र ले जा रहे थे. अंतरराष्ट्रीय बाजार में जप्त चरस की कीमत लगभग 5 करोड़ रुपये बताई गई. एसपी के अनुसार गिरफ्तार दोनों तस्कर भी महाराष्ट्र के रहने वाले बताए गए.
160 रुपये नेपाली करेंसी भी बरामद
मुजफ्फरपुर में एसआईटी की टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए डेढ़ किलो चरस के साथ पांच तस्करों को गिरफ्तार किया. इस दौरान पुलिस ने 14 लाख नकद, दो सोने की चेन, चार मोबाइल बरामद किया है. इन सबके साथ ही 160 रुपये नेपाली करेंसी भी बरामद की गई है. इन गिरफ्तार तस्करों ने ही मोतिहारी में पकड़ी गई 26 किलो चरस की जानकारी दी थी, जिसकी खेप मोतिहारी के रास्ते महाराष्ट्र पहुंचाई जा रही थी.
डेढ़ किलो चरस के साथ 160 रुपये नेपाली करेंसी भी बरामद 86 किलो ब्राउन शुगर रक्सौल से बरामद
इन घटनाओं से पहले 16 सिंतबर को ही भारत नेपाल की अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे शहर रक्सौल में 86 किलो ब्राउन शुगर फैमिली के मादक पदार्थ की बड़ी खेप बरामद हुई. स्थानीय बाजार में इसकी कीमत 20 से 25 करोड़ और वहीं अंतरराष्ट्रीय बाजार में इस ब्राउन शुगर की कीमत 258 करोड़ के आसपास बताई गई.
रक्सौल से बरामद 86 किलो ब्राउन शुगर 12.5 करोड़ की चरस जप्त
वहीं कुछ महीनों पहले बेतिया में इंडो-नेपाल बॉर्डर से एसएसबी की 47वीं बटालियन सिकटा ने कार्रवाई करते हुए 50 किलो चरस के साथ दो तस्कर को गिरफ्तार किया. बरामद चरस की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में लगभग 12.5 करोड़ बताई गई. इसमें बी चरस को नेपाल ले जाए जाने की बात सामने आई.
एसएसबी जवानों ने पकड़ी 11 किलो चरस की खेप
इसके अलावा बेतिया के ही इंडो-नेपाल बॉर्डर स्थित इनरवा थाना क्षेत्र के ब्रह्म स्थान से एसएसबी के 44वीं बटालियन जवानों ने 11 किलो चरस के साथ दो तस्करों को गिरफ्तार किया. जिसकी कीमत 2 करोड़ 20 लाख आंकी गई. इस बरामदगी के बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मचा रहा.
क्या बिहार बना कड़ी
इन घटनाओं से सवाल उठना लाजिमी है कि क्या वाकई बिहार नेपाल से महाराष्ट्र में ड्रग्स सप्लाई के लिए एक कड़ी बन गया, जिसका इस्तेमाल नशे के सौदागर बड़ी आसानी से कर सकते हैं. सवाल ये भी है कि क्या बिहार के रास्ते नेपाल से लाई जा रही ड्रग्स और ऐसे ही खतरनाक मादक पदार्थ देश के अलग-अलग हिस्सों में ले जाए जा रहे हैं. सवाल कई है जिनके जवाब अभी मिलना बाकी है.