पटना: बिहार में विवादों से घिरे कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह (Law Minister Kartikeya Kumar) को लेकर सरकार घिर गई है. इस मामले में सफाई देते हुए डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव (Deputy CM Tejashwi Yadav) ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके पास सिर्फ आरोप लगाने के अलावा कोई काम नहीं रह गया है. तेजस्वी यादव ने कहा कि 15 अगस्त को जब से 10 लाख नौकरी और 10 लाख रोजगार देने की घोषणा की तब से बीजेपी के लोग असहज हो गए हैं. हम लोग जनता के लिए काम कर रहे हैं. तेजस्वी ने साफ साफ संकेत दे दिया कि इस मामले में कोर्ट के फैसले को ही अंतिम मानेंगे.
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''बीजेपी के पास आरोप लगाने के अलावा कोई काम है. जब से 10 लाख नौकरी का ऐलान हुआ है तब से ये लोग अनकंफर्टेबल हो गए हैं. हम लोग जनता के लिए काम कर रहे हैं. मीडिया के लोग जो भाजपा माइंडेड लोग हैं उनको प्रचारित करने दीजिए. न्यायालय का जो आदेश होगा हम लोग उसे मानेंगे''- तेजस्वी यादव, डिप्टी सीएम, बिहार
मंत्री के खिलाफ है कोर्ट का वारंटः आपको बता दें कि राजीव रंजन की 2014 में किडनैपिंग हुई थी. इसके बाद कोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लिया था. राजीव रंजन की किडनैपिंग मामले में एक आरोपी बिहार के कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह भी हैं. बिहटा थाना में उनके खिलाफ मामला दर्ज है. जिनके खिलाफ कोर्ट ने वारंट जारी किया हुआ है. धारा 164 के तहत बयान में नाम आया है. कार्तिकेय सिंह ने अभी तक ना तो कोर्ट के सामने सरेंडर किया है ना ही जमानत के लिए अर्जी दी है. कल यानी 16 अगस्त को इनको कोर्ट में पेश होना था, लेकिन वो मंत्री पद की शपथ ले रहे थे. इस मामले में कार्तिकेय सिंह ने भी सफाई दी है.
"मेरे ऊपर कोई मामला है ही नहीं. मैं तो पहले ही सारी बातें कह चुका हूं. अब इस पर कुछ भी कहने की जरूरत नहीं है"- कार्तिकेय सिंह, कानून मंत्री, बिहार सरकार
अनंत सिंह के हैं बेहद 'खास' है कार्तिकेय सिंह:बता दें कि कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह आरजेडी के पूर्व विधायक अनंत सिंह (RJD Leader Anant Singh) के बेहद खास हैं. बताया जाता है कि अनंत सिंह के जेल में रहने पर कार्तिकेय सिंह उर्फ 'कार्तिकेय मास्टर' ही मोकामा से लेकर पटना तक उनके सारे काम को देखते हैं. इस साल उन्होंने आरजेडी से चुनाव लड़ा और एमएलसी बन गए. वर्ष 2005 के बिहार विधानसभा चुनाव के बाद कार्तिक मास्टर और अनंत सिंह की दोस्ती परवान चढ़ी थ. आगे अनंत सिंह के चुनावी रणनीतिकार के रूप में कार्तिकेय ने खुद को साबित किया. राजनीति (Bihar Political Crisis) में सक्रिय होने से पहले कार्तिकेय स्कूल में शिक्षक थे. वे मोकामा के रहनेवाले हैं और उनके गांव का नाम शिवनार है. कार्तिक मास्टर की पत्नी रंजना कुमारी लगातार दो बार मुखिया बनीं.