पटना:बिहार के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने बुधवार को कहा कि गाय सिर्फ पशु मात्र नहीं अपितु हमारी संस्कृति में इन्हें गौ माता माना गया (Deputy CM Tarkishor Prasad Statement Cattle Stock) है. देसी गाय का दूध, गोबर और गोमूत्र मानव कल्याण के लिए उपयोगी हैं. बामेती के सभागार में आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला को संबोधित करते हुए बिहार के उपमुख्यमंत्री प्रसाद ने कहा कि ग्रामीण समाज में पशुधन एवं मनुष्य एक दूसरे के पूरक रहे हैं. गोवंश हमारी प्राचीन संस्कृति का हिस्सा रही है. सरकार देसी नस्ल की गायों के संरक्षण और संवर्धन की व्यापक कार्ययोजना पर काम कर रही है. इसमें गौशालाओं की अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका है.
तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि गौशाला का संचालन एक परोपकारी कार्य है, जिसका उद्देश्य देशी गोवंश का संरक्षण, संवर्धन एवं उनके रख-रखाव के साथ कमजोर, वृद्ध और बेसहारा गोवंश के पशुओं को आश्रय देना है. बिहार के 33 जिलों में 86 निबंधित गौशालाएं स्थापित हैं, जिसमें 55 क्रियाशील हैं एवं 31 अक्रियाशील गौशालाएं हैं. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि गौशाला के कुशल प्रबंधन और विकास में अध्यक्ष -सह- अनुमंडल पदाधिकारी की बहुत बड़ी जिम्मेवारी है. कार्यशाला में उपस्थित सभी गौशाला के अध्यक्ष -सह- अनुमंडल पदाधिकारी एवं सचिवों को निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि जिन 5 जिलों कैमूर, पूर्णिया, अरवल, बांका और शिवहर में निबंधित गौशाला नहीं है, वहां इसके लिए विशेष पहल करें.