पटना:रफ्तार भरी जिंदगी और खानपान में अनियमितता से महिला और पुरुषों में बाल झड़ने की समस्या (Hair Loss Problem) काफी बढ़ गई है. कम उम्र में ही युवा गंजेपन के शिकार होने लगे हैं. बढ़ते गंजेपन की समस्या से निजात पाने के लिए युवा अब हेयर ट्रांसप्लांट की तरफ विशेष दिलचस्पी दिखा रहे हैं. राजधानी में इन दिनों युवाओं के बीच हेयर ट्रांसप्लांट का क्रेज काफी बढ़ा है. लेकिन, पटना में बिहार पुलिस के एक जवान को हेयर ट्रांसप्लांट कराना महंगा पड़ गया और जवान की हेयर ट्रांसप्लांट के 24 घंटे के अंदर मौत (Police Jawan Die in Patna) हो गई.
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पटना में जानलेवा हेयर ट्रांसप्लांट:दरअसल, राजधानी पटना में हेयर ट्रांसप्लांट कराने के 24 घंटे के अंदर बिहार पुलिस के स्पेशल फोर्स के जवान की मौत हो गई. इस मौत के बाद कई सवाल उठ खड़े हुए हैं. बिहार स्पेशल आर्म्ड पुलिस में तैनात मनोरंजन पासवान नालंदा जिले के रहने वाले थे और 11 मई को उनकी शादी होनी थी. मनोरंजन के सिर पर आगे के बाल झड़ गए थे, इसलिए उसने ट्रांसप्लांट कराने का फैसला किया.
हेयर ट्रांसप्लांट से हुआ रिएक्शन: हेयर ट्रांसप्लांट के लिए मनोरंजन पासवान ने बोरिंग रोड स्थित हेयर ट्रांसप्लांट एंड स्किन केयर सेंटर में अपना इलाज करवाना शुरू किया. जिसके बाद 9 मार्च को उनका हेयर ट्रांसप्लांट किया गया. उसी रात मनोरंजन को हेयर ट्रांसप्लांट का रिएक्शन हो गया और सिर में तेज दर्द और सीने में जलन होने लगी. बाद में पटना के एक प्राइवेट अस्पताल में हेयर ट्रांसप्लांट के 24 घंटे के अंदर मनोरंजन ने दम तोड़ दिया. मनोरंजन का हेयर ट्रांसप्लांट ₹11,000 में तय हुआ था और इसके लिए क्लीनिक पर उन्होंने ₹11,767 ऑनलाइन पेमेंट भी किया था.
मरीजों की जान के साथ खिलवाड़:इस मामले में जो जानकारी मिली वह यह रही कि सालों मेडिकल की पढ़ाई करने के बाद हेयर ट्रांसप्लांट में सुपर स्पेशलिटी डिग्री लेने वाले डॉक्टरों के क्लीनिक में काम करने वाले टेक्नीशियन उनके साथ काम कर चंद दिनों में प्रशिक्षण प्राप्त कर ले रहे हैं. फिर विभिन्न छोटे से बड़े शहरों में अलग-अलग जगह पर उस डॉक्टर के नाम के क्लीनिक की फ्रेंचाइजी खोलकर मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. मनोरंजन पासवान के साथ भी ऐसा ही हुआ. मनोरंजन का जिसने हेयर ट्रांसप्लांट किया, वह एक तकनीशियन ही था. सेंटर फिलहाल घटना के बाद से बंद है और सेंटर पर दिए गए नंबर से कोई संपर्क नहीं हो पा रहा है.
कंपाउंडर कर रहे लोगों की सर्जरी:बता दें कि हेयर ट्रांसप्लांट, कॉस्मेटिक सर्जरी और गर्भपात जैसे क्लीनिक के अलावा राजधानी पटना में कई ऐसे हॉस्पिटल हैं जहां पूर्व में डॉक्टरों के कंपाउंडर रहे लोग सर्जरी करते हैं. प्रदेश में क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन होने के कारण यह सख्ती से लागू नहीं हो पाता और क्वैक आसानी से अपनी प्रैक्टिस कर लेते हैं. इनकी फीस चिकित्सकों के अपेक्षाकृत काफी कम होती है. ऐसे में पैसा बचाने के चक्कर में लोग इन क्वैक के फेरे में पड़ जाते हैं और अपनी जान और सेहत से खिलवाड़ कर बैठते हैं.
''क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत वह निदान केंद्र से एफिडेविट लेती हैं कि वहां पर फायर सिस्टम कैसा है, चिकित्सकों की क्या व्यवस्था है और कितने बेड की व्यवस्था है. इन सब केंद्रों पर वह सीधे कोई कार्रवाई नहीं कर सकते हैं. हालांकि, इस मामले में थाने में परिजनों ने हेयर ट्रांसप्लांट सेंटर के खिलाफ मामला दर्ज कराया है और प्रशासनिक जांच के बाद यदि जिला प्रशासन की तरफ से उन्हें सेंटर पर कार्रवाई करने का कुछ निर्देश आता है तो वह कार्रवाई करेंगी.''- डॉक्टर विभा कुमारी, सिविल सर्जन, पटना जिला
एक्सपर्ट नहीं क्वैक कर रहे ट्रांसप्लांट:बता दें कि जो क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट है उसके तहत क्लीनिक को उसके यहां होने वाले सभी प्रकार की जांच और इलाज के खर्च की जानकारी सार्वजनिक करनी होगी. इसके साथ ही किस प्रकार की इलाज की सुविधा है और कौन से डॉक्टर उपलब्ध है इसकी जानकारी भी सार्वजनिक करनी होती है. इसके साथ ही आपात कंडीशन के लिए क्या सुविधाएं उपलब्ध हैं, क्लीनिक को यह जानकारी भी सार्वजनिक करनी होगी. इमरजेंसी की स्थिति में यदि मरीज के पास पैसे नहीं है तो उसका उपचार बाधित नहीं हो यह क्लीनिक को सुनिश्चित करना होता है.
इसके साथ ही क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत क्लीनिक यह सुनिश्चित करेंगे कि उनके क्लीनिक में 24 घंटे योग्यताधारी चिकित्सक मौजूद रहेंगे और जांच योग्यता धारी चिकित्सक की निगरानी में हो यह भी सुनिश्चित करेंगे. इनके कई बिंदुओं पर प्रदेश के चिकित्सकों को आपत्ति है और आपत्ति की वजह से चिकित्सक हाईकोर्ट चले गए और मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है.