पटना: बिहार विधान मंडल का शीतकालीन सत्र का ( Bihar Vidhansabha Winter Session ) आज चौथा दिन है. वहीं आज भाकपा माले सदस्यों ने विधानसभा परिसर में किसानों के मुद्दे पर जमकर हंगामा किया और न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग के साथ-साथ किसानों के धान खरीद के समय को निर्धारित करने का भी मांग उठाई.
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भाकपा माले के विधायक महबूब आलम ने साफ-साफ कहा कि बिहार में फिर से मंडी व्यवस्था शुरू होनी चाहिए. बिहार सरकार ने वर्ष 2006 में ही मंडी व्यवस्था खत्म कर दिया था लेकिन अब केंद्र सरकार ने कृषि कानून वापस ले लिया है. निश्चित तौर पर बिहार सरकार को भी फिर से मंडी व्यवस्था शुरू करनी चाहिए. जिससे कि किसानों को अपने अनाज बेचने में सहूलियत होगी.
भाकपा माले का किसानों के मुद्दे पर विधानसभा में हंगामा 'उद्योग धंधे से जो भी समान निर्मित होते हैं, उसमें आप मैक्सिमम रिटेल प्राइस की बात करते हैं. लेकिन किसान के अनाज को सही कीमत नहीं मिल पाता है .उनके अनाज का भी सही कीमत मिलनी चाहिए. इसके लिए सरकार कहीं ना कहीं एक कानून लाए जिससे कि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य मिल पाए. इसी मांग को लेकर आज हम लोग विधानसभा में चर्चा करेंगे.':- महबूब आलम, भाकपा माले विधायक ये भी पढ़ें : जातीय जनगणना पर तेजस्वी की नीतीश से मांग, 'इसी सत्र में निर्णय ले बिहार सरकार'
भाकपा माले विधायक महबूब आलम ने कहा कि हम चाहते हैं कि बिहार सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग संबंधी कानून सदन में पेश करे. साथ ही मंडी व्यवस्था को फिर से राज्य में लागू हो, जिससे कि किसानों का भला होगा साथ ही उन्होंने कहा कि धान की खरीद भी सही समय पर होगी. उन्होंने आरोप लगाया कि वर्तमान में बिहार के किसानों की हालत बद से बदतर होती चली जा रही है. लेकिन नीतीश सरकार का ध्यान इस ओर नहीं है. लगातार महंगाई बढ़ रही है लेकिन किसानों के फसल की कीमत जस की तस बनी हुई है. इस पर सरकार को ध्यान देना होगा.
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