पटना: भाकपा माले ने बिहार सरकारको लेकर भाजपा और जदयू पर प्रहार (CPI ML attacks JDU BJP Bihar government) किया है. भाकपा माले ने कहा कि भाजपा और जदयू की सरकार मतलब सामंती दबंगई शासन. भाकपा माले विधायक सत्यदेव राम (CPI ML MLA Satyadev Ram) ने पटना के छज्जु बाग स्थित माले कार्यालय में आज प्रेसवार्ता कर बताया कि वैशाली जिले के शाहपुर गांव में 20 दिसंबर की शाम अपराधियों ने एक दलित छात्रा को जबरन उठा लिया. यह घटना साबित करती है कि भाजपा-जदयू के शासन में एक बार फिर सामंती ताकतों का मनोबल सिर चढ़कर बोल रहा है. बिहार में ‘सुशासन नहीं, सामंती दबंगों का राज है. इनके सामने प्रशासन पूरी तरह से लाचार व बेबस होकर अपराधियों के ही पक्ष में खड़ा है.
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उन्होंने कहा कि समाज सुधार का ढोंग करने वाले नीतीश कुमार को यह बताना चाहिए कि एक लोकतांत्रिक समाज में इस तरह की बर्बरता व दलितों-महिलाओं के मान-सम्मान को कुचल देने की घटनाओं को कैसे होने दिया जा रहा है. इस तरह की प्रवृत्तियां लगातार क्यों बढ़ रही हैं? बता दें कि वैशाली में सामूहिक बलात्कार व हत्या की घटना की जांच के उपरांत पटना लौटे दरौली से माले विधायक सत्यदेव राम व ऐपवा की राज्य सचिव शशि यादव ने कहा कि ऐसा लगता है कि हम 2022 में नहीं, बल्कि पुराने जमाने में जी रहे हैं. समाज के दबंग लोग जब मर्जी हुई, दलितों की बहु-बेटियों को उठा लेते थे. बिहार में आए दिन दलितों-महिलाओं-अल्पसंख्यकों पर बर्बर किस्म के हमले हो रहे हैं. समाज सुधार यात्रा का ढोंग करने वाले नीतीश कुमार को यह सब दिखता ही नहीं है.
माले की उच्चस्तरीय जांच टीम ने 2 जनवरी को गांव का दौरा किया और मृत छात्रा के परिजनों व ग्रामीणों से मुलाकात की. जांच टीम ने पाया कि विगत 20 दिसंबर की शाम लगभग 7 बजे शौच करने जा रही 20 वर्षीय छात्रा को गांव के ही एक समुदाय के दबंग प्रवृत्ति के युवकों ने पकड़ लिया. उसे गांव से बाहर ले जाने लगे. गांव वालों ने इसका प्रतिवाद किया व लड़की को बचाने की कोशिश की. लेकिन अपराधी लड़की को ले भागने में सफल रहे.
21 दिसंबर की सुबह छात्रा के पिता अनुराग चौधरी के पिता राकेश चौधरी से मिले. राकेश चौधरी ने सामंती दबंगई में कहा कि केस-मुकदमा मत करो, 2 से 3 दिन में लड़की वापस आ जाएगी. मामला बड़ा न हो जाए और लड़की की शादी कहीं रूक न जाए, यह सोचकर लड़की के पिता चुप रह गए. लड़की के वापस लौटने का इंतजार करने लगे. उन्होंने केस नहीं किया. दरअसल, इस इलाके में आज भी सामंती दबदबा है. दबंगों के डर से ही पीड़िता के पिता चुप रहे और मुकदमा करने की हिम्मत नहीं जुटा सके. लेकिन 3 दिन बाद भी लड़की नहीं आई.