पटना:केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने ज्ञानवापी मंदिर मामले पर न्यायालय के फैसले पर खुशी जाहिर की. उन्हाेंने कहा कि जल्द ही लोगों को महादेव और नंदी के दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त होगा ( Giriraj Singh said opportunity to worship Nandi). उन्होंने कहा कि राम मंदिर का फैसला हो या ज्ञानवापी का, निश्चित तौर पर न्यायालय ने जो फैसला दिया है वह पूरी तरह से सही है. साथ ही उन्होंने कहा कि मुस्लिम भाइयों को भी यह सोचना चाहिए. हम उनसे प्रार्थना करते हैं कि वह इन बातों को सोचें कि हिंदुओं का जो कुछ भी है वो भारत में है.
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काेर्ट के फैसले पर गिरिराज ने जतायी खुशी. उनकी तरह हमारा कोई मक्का मदीना नहीं है. भारत में किस तरह से मुगलों ने आकर हिंदू धर्म पर प्रहार किया था किस तरह से बड़े बड़े मंदिर गिराए गए थे, गजनी ने क्या कुछ किया था सब कुछ सामने है. आज कुछ लोग ऐसे हैं जो मुगल शासक के मजार पर जाकर चादर चढ़ाते हैं. यह बहुत बड़ी विडंबना है. भारत के जो लोग इस तरह का काम करते हैं उन्हें भी जनता देख रही है. गिरिराज सिंह ने कहा कि देश में अभी यही राजनीति की जा रही है. जहां एक वर्ग के लोग जिन्हें राजनीतिक शह दिया जा रहा है वो उत्पात मचाने का काम कर रहें है. यह देश के लिए बेहद जरूरी है कि जाे घटनाएं आजकल घट रही हैं उसमें क्या क्या हो रहा है. और बदनाम भाजपा को किया जा रहा है.
"राम मंदिर का फैसला हो या ज्ञानवापी का, निश्चित तौर पर न्यायालय ने जो फैसला दिया है वह पूरी तरह से सही है. जल्द ही लोगों को महादेव और नंदी के दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त होगा"- गिरिराज सिंह, केंद्रीय मंत्री
उन्होंने अमित शाह के सीमांचल दौरे पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जो लोग अमित शाह के दौरे को लेकर सवाल उठा रहे हैं उन्हें पहले जवाब देना होगा कि आखिर सीमांचल भारत में ही है या कहीं और है. उन्होंने कहा कि भारत एक सूत्र में बंधे इसका प्रयास भारतीय जनता पार्टी के नेता कर रहे हैं. और कभी भी हमने यह नहीं सोचा कि धर्म के लोगों के बीच में विभेद हो. इतना जरूर कहते हैं कि सभी धर्मों को समभाव से देखना चाहिए.
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अगर ऐसा हुआ रहता तो फिर भारत के अंदर इस तरह के नारे नहीं लगाए जाते जो पिछले दिनों देखने को मिला है. वहीं आरएसएस को लेकर जो विपक्ष के लोग ट्वीट कर रहे हैं उस पर भी उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया दी. कहा, जो लोग यह कह रहे हैं कि पूरे देश से आरएसएस खत्म हो जाएगा उन्हें समझना चाहिए कि आरएसएस की स्थापना कब हुई और किस उद्देश्य से हुई. उन्होंने जो लोग आरएसएस के बारे में बोल रहे हैं उन्हें आरएसएस के बारे में कुछ नहीं पता है. उनके बयान देने से या नहीं देने से आरएसएस भारत से खत्म नहीं हो सकता है (RSS cant end).