पटना:बिहार विधानसभा के ठीक सामने परिसर में बन रहे शताब्दी स्तंभ को लेकर विवाद (Controversy over Swastika on Ashoka Pillar) शुरू हो गया है. आरजेडी ने शताब्दी स्तंभ में स्वास्तिक के प्रयोग पर नाराजगी जतायी है. उसने कहा है कि बिहार से अशोक स्तंभ को प्रतीक के रूप में हटाने की कोशिश हो रही है. सम्राट अशोक को लेकर अभी विवाद चल ही रहा है. अब विधानसभा में बन रहे शताब्दी स्तंभ को लेकर विवाद शुरू हो गया है.
शताब्दी स्तंभ का प्रतीक चिह्न बनकर तैयार हो गया है. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला (Lok Sabha Speaker Om Birla) के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) ने भी 17 फरवरी को इसे देखा. उसी तस्वीर को लेकर आरजेडी ने ट्वीट करते हुए सीएम पर निशाना साधा है. आरजेडी के टि्वटर हैंडल से किए गए ट्वीट में कहा गया है कि बिहार में भी अशोक स्तंभ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने बिहारवासियों को चुनौती दी है कि बिहार से भी अशोक स्तम्भ के प्रतीक चिह्न को हटाकर/मिटाकर जर्मनी के नाजियों का बदनाम स्वास्तिक चिह्न माथे पर लगा देंगे. नीतीश कुमार धृतराष्ट्र बनकर ऐसे ही सब देखते रहेंगे. राजद के इस बयान पर सत्तारूढ़ दल के नेता चुप्पी साधे हुए हैं.
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने ट्वीट किया कि बिहार विधानसभा भवन के शताब्दी समारोह की स्मृति में विधानसभा के मुख्य द्वार के सामने एक स्तम्भ बन रहा है. आजादी के बाद देश का यह प्रथम ऐसा स्तम्भ होगा जिसमें अशोक चक्र नहीं है. नीतीश सरकार ने देश की धर्मनिरपेक्ष छवि को ध्वस्त करते हुए अशोक चक्र की जगह स्वास्तिक चिन्ह लगाया है.