पटना: बिहार में लाउडस्पीकर विवाद की एंट्री (Loudspeaker Controversy in Bihar) होने के बाद घमासान मचा हुआ है. बीजेपी इसे मुद्दा बना चुकी है. वहीं बीजेपी, विपक्षी पार्टियों समेत अपनी सरकार से सवाल पूछ रही है कि ध्वनि प्रदूषण को कम करने की जगह सियासत क्यों हो रही है. बीजेपी ने यूपी की तर्ज पर बिहार में भी लाउडस्पीकर हटाने (Removing Loudspeakers from Religious Places in Bihar) की मांग की है. पार्टी की ओर से कहा गया है कि जब यूपी में 21 हजार से ज्यादा लाउडस्पीकर उतारे जा चुके हैं. हजारों की आवाज को कम किया जा चुका है. कहीं कोई विवाद नहीं हुआ तो बिहार में इसपर क्यों सियासत की जा रही है?
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बीजेपी ने साफ किया कि सरकार को लाउडस्पीकर को लेकर एक कानून बनाए और मानव जीवन को राहत देने का काम करे. जिससे आने वाली पीढ़ी ध्वनि प्रदूषण से परेशान नहीं हो. लाउडस्पीकर विवाद को धर्म से ना जोड़कर ध्वनि प्रदूषण से जोड़कर देखें तो पता चलेगा कि ये आवाज प्राणियों के लिए कितनी घातक है. इस घातक शोर को यूपी की तर्ज पर कानून बनाकर रोका जाए.
ध्वनि प्रदूषण मनुष्य के कितना घातक: बीजेपी प्रवक्ता डॉक्टर रामसागर सिंह ने कहा कि इसे ध्वनि प्रदूषण से जोड़कर देखें तो पता चलेगा कि ये मनुष्य के लिए कितना घातक है. जो लोग इसे नहीं समझते हैं, वे इसे धर्म से जोड़कर राजनीति कर रहे हैं. मेरा मानना है कि यूपी के तर्ज पर बिहार में भी ऐसा कानून बने जिससे ध्वनि प्रदूषण को रोका जाए. डॉक्टर रामसागर सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी इसको लेकर कई आदेश दिए हैं. इसके वाबजूद सभी राज्यो में इसे लागू नहीं करना दुर्भाग्यपूर्ण है. अब समय आ गया है कि बिहार में भी इसको लेकर कानून बने. जो लोग इसका वैज्ञानिक कारण नहीं समझते हैं, वही इस पर बहस कर रहे हैं.
'यूपी में 21 हजार लाउडस्पीकर हटाया गया. हजारों लाउडस्पीकर का साउंड कम किया गया. वहां कहीं विरोध नहीं हुआ. बिहार में विरोध क्यों हो रहा है? इसपर अलग से कानून बनाकर मानव जीवन को राहत देने का काम सरकार को करना चाहिए जिससे आने वाली पीढ़ी ध्वनि प्रदूषण से परेशान नहीं.'-डॉक्टर रामसागर सिंह, बीजेपी प्रवक्ता