पटना:मानसून के दस्तक देते ही देश के कई हिस्सों में लगातार बारिश के कारण हर छोटी-बड़ी नदियां गंगा में मिल जाती हैं. जिसके बाद गंगा के जलस्तर में वृद्धि दर्ज होने लगती है. नेपाल से बैराज के द्वारा पानी भी छोड़ा गया है. जिसके कारण भी बिहार के कई हिस्सों में अन्य नदियों का जलस्तर काफी बढ़ गया है. कई जगह बाढ़ जैसा खतरा (Flood In Bihar) भी मंडराने लगा है. अगर हम बात करें पटना गांधी घाट स्थित केंद्रीय जल आयोग (Central Water Commission) की तो वहां लगे मीटर के अनुसार आज गंगा का जलस्तर लगभग प्रति घंटे तीन से चार सेंटीमीटर दर्ज किया गया है तो वहीं शुक्रवार 1 जुलाई को गंगा का जलस्तर 45.01 सेंटीमीटर दर्ज किया गया है.
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गंगा का बढ़ता जल स्तर : गंगा का जलस्तर बढ़ने से लोगों के मन में बाढ़ का खतरा मंडराने लगता है. हालांकि बिहार के कई हिस्सों में बाढ़ जैसी समस्या भी उत्पन्न हो गई है. गंगा के जलस्तर में वृद्धि का मुख्य कारण पठारी क्षेत्र में काफी ज्यादा वर्षा को भी माना जाता है. बिहार की कई छोटी-बड़ी नदियां उफान पर है और खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. गौरतब है कि सूबे के कई जिलों में बाढ़ (Flood in Bihar) जैसे हालात अभी से ही देखने को मिल रहे हैं. एक बार फिर से लोगों के घर, खेत-खलिहान जलमग्न हो गए हैं. दरअसल बिहार में नदियों का जलस्तर (Water Level Of Rivers In Bihar) बढ़ रहा है. नेपाल ने जल ग्रहण क्षेत्र में लगातार हुई बारिश के बाद भारी मात्रा में पानी छोड़ दिया है. जिसके कारण कोसी, बागमती, कमला बलान सहित कई नदियों के जलस्तर में वृद्धि हुई है. वहीं बिहार में मानसून ने आफत को और बढ़ा दिया है. खासकर तराई इलाकों में लोगों का जीना अभी से मुहाल कर दिया है.