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VIP चीफ को कांग्रेस की नसीहत, बोले- 'ब्लैकमेल की राजनीति करना छोड़े मुकेश सहनी'

कांग्रेस एमएलसी समीर सिंह ने वीआईपी चीफ मुकेश सहनी (VIP Chief Mukesh Sahni) को ब्लैकमेल की राजनीति करने वाला बताया. उन्होंने कहा कि 'वो ब्लैकमेल की राजनीति करते हैं, जो साफ-साफ दिखता है. मेरी उनको यही नसीहत है कि वो अपने राजनीतिक शैली में बदलाव करे, नहीं तो फिर उनका राजनीति करना हमें मुश्किल लग रहा है.'

कांग्रेस विधान पार्षद समीर सिंह
कांग्रेस विधान पार्षद समीर सिंह

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Published : Mar 29, 2022, 5:22 PM IST

पटना:कांग्रेस विधान पार्षद समीर सिंह (Congress MLC Samir Singh) ने मुकेश सहनी को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि आज तक हमने कभी उनको मर्यादित राजनीति करते नहीं देखा है. वो ब्लैकमेल की राजनीति करते हैं, जो साफ-साफ दिखता है. मेरी उनको यही नसीहत है कि वो अपने राजनीतिक शैली में बदलाव करे, नहीं तो फिर उनका राजनीति करना हमें मुश्किल लग रहा है. मुकेश सहनी की बर्खास्तगी के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस बारे में हम कुछ नहीं कह सकते हैं, लेकिन इतना जरूर कहेंगे कि मुकेश सहनी जो राजनीति करते रहे हैं वो ठीक नहीं है.

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सरकार की कार्यशैली पर भी उठाए सवाल: वहीं, सदन को लेकर भी उन्होंने प्रतिक्रिया दी और कहा कि सदन में कुछ मंत्री तो सवालों का जवाब देते हैं, लेकिन कुछ मंत्री जो अपने आप को ज्यादा काबिल समझते हैं वो सवालों का सीधा जवाब ही नहीं देते हैं. वैसे इस बार ऐसे मंत्रियों को इस बार के सत्र में डांट भी लगी है. सरकार को चाहिए ऐसे मंत्री को जवाब देने को कहे. साथ ही उन्होंने बिहार में बढ़ रहे अपराध पर चिंता जाहिर की और कहा कि दिनदहाड़े पटना में हत्या हो रही है. मुख्यमंत्री को ऐसी स्थिति पर खुद संज्ञान लेने की जरूरत है, वैसे हम लोगों ने सदन में भी ये मांग की है कि लॉ एंड आर्डर में सुधार जरूरी है.

27 मार्च से प्रभावी है बर्खास्तगी का आदेश : 28 मार्च 2022 को सचिवालय मंत्रालय विभाग की ओर से एक पत्र जारी कर लिखा गया है कि- 'भारतीय संविधान के अनुच्छेद 164 (1) में निहित प्रावधान के अंतर्गत मुकेश सहनी दिनांक 27 मार्च 2022 के प्रभाव से राज्य के मंत्री तथा मंत्रिपरिषद के सदस्य नहीं रहे.' बता दें कि संविधान के अनुच्छेद 164 (1) के अनुसार मुख्यमंत्री की नियुक्ति राज्यपाल द्वारा की जाती है और अन्य मंत्रियों की नियुक्ति राज्यपाल द्वारा मुख्यमंत्री की सलाह पर की जाती है. ऐसे में मुख्यमंत्री की अनुसंशा स्वीकार लेने के बाद मंत्री को हटा दिया जाता है.

23 मार्च को सहनी के विधायक बीजेपी में हुए थे शामिल: 23 मार्च को सहनी के तीनों विधायक राजू सिंह, स्वर्णा सिंह और मिश्री लाल यादव ने पार्टी छोड़ दी और BJP में शामिल हो गए. तीनों विधायकों के शामिल होने के बाद ही BJP के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा था कि तीनों विधायक हमेशा से BJP के थे. मुकेश सहनी ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा था कि जब तक सीएम नीतीश चाहेंगे मंत्री पद पर रहेंगे, लेकिन वो इस्तीफा नहीं देंगे. गौरतलब है कि मुकेश सहनी को हटाने के बाद पशुपालन एवं मत्स्य विभाग का प्रभार डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद को सौंप दिया गया है.

यहां से डगमगाई मुकेश सहनी की नाव :भारतीय जनता पार्टी ने मुजफ्फरपुर के बोचहां उपचुनाव में भी कैंडिडेट उतार दिया. यह सीट विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के विधायक रहे मुसाफिर पासवान के निधन के कारण खाली हुई थी. 2020 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर एनडीए से वीआईपी लड़ी थी, लेकिन उपचुनाव के लिए बीजेपी ने यह सीट वीआईपी को नहीं दी. इस उपचुनाव के लिए 12 अप्रैल को वोटिंग होगी और 16 अप्रैल को नतीजे आएंगे. यहां बीजेपी से बेबी कुमारी, वीआईपी से डॉक्टर गीता और आरजेडी से अमर पासवान प्रत्याशी हैं. यूपी विधानसभा में चुनावं लड़े तो लड़े लेकिन NDA में रहते हुए बोचहां विधानसभा उपचुनाव और एमएलसी चुनाव में एनडीए प्रत्याशी के सामने अपना अलग उम्मीदवार खड़ा करना मुकेश सहनी को भारी पड़ गया.

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