पटना:बिहार विधान परिषद (Bihar Legislative Council) में कांग्रेस एमएलसी ने बिहार सरकार पर वित्तीय अनियमितता का आरोप (Bihar government accused of financial irregularities) लगाया. कांग्रेस एमएलसी के इस सवाल के जवाब में सरकार के मंत्री और विपक्ष के बीच जमकर नोकझोंक हुई. सरकार की ओर से यह जवाब आया कि इस सवाल का जवाब सदन में नहीं दिया जा सकता, क्योंकि मामला पब्लिक अकाउंट्स कमिटी के पास है, लेकिन प्रश्नकर्ता ने सरकार के इस जवाब पर भी सवाल खड़ा कर दिया.
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सरकार पर वित्तीय अनियमितता का आरोप: कांग्रेस नेता प्रेमचंद्र मिश्रा ने वित्त विभाग के मंत्री से यह सवाल किया था कि सीएजी की वर्ष 2019-20 की रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य सरकार के कई विभाग लगभग ₹80000 करोड़ का उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं देना राशि के गबन और दुरुपयोग की तरफ इशारा करता है जो वित्तीय कुप्रबंधन का संकेत है. कांग्रेस नेता ने अपने सवाल में यह आरोप लगाया है कि शिक्षा विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, समाज कल्याण विभाग, नगर विकास एवं आवास विभाग जैसे कई विभाग पिछले कई साल से खर्च की गई राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं करा रहे हैं.