पटना: बिहार में राज्यसभा के साथ ही अब विधान परिषद चुनाव-2022 (Bihar Legislative Council Election) को लेकर राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है. विधान परिषद चुनाव के लिए सबसे आरजेडी ने तीन प्रत्याशियों के नामों की घोषणा (RJD Announces three candidates names) कर दी है. आरजेडी ने युवा राजद के प्रदेशाध्यक्ष कारी शोएब, मुन्नी देवी उर्फ मुन्नी रजक और अशोक पांडे को टिकट दिया है. अब इसी को लेकर महागठबंधन में रार ठन गयी है. भाकपा माले ने जहां एकतरफा तरीके से प्रत्याशी घोषणा पर कड़ी आपत्ति जतायी है, वहीं, कांग्रेस ने खामियाजा भुगतने की चेतावनी दी है.
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कांग्रेस की खुलेआम चेतावनी: आरजेडी द्वारा प्रत्याशी घोषित किये जाने के बाद कांग्रेस ने तो खुलेआम चेतावनी दी है. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि उनकी पार्टी के समर्थन के बगैर आरजेडी के तीनों प्रत्याशी नहीं जीत सकते हैं. साथ ही आरोप लगाया कि बिना बातचीत के ही मनमाने तरीके से उम्मीदवार उतार दिये गये. इसका खामियाजा आरजेडी को भुगतना पड़ेगा. बता दें कि 21 जुलाई को बिहार विधान परिषद की 7 सीटें खाली हो रही हैं. इसके लिए अगले महीने चुनाव है.
नहीं जीत सकते RJD के तीनों प्रत्याशी: लालू यादव की पार्टी की ओर से प्रत्याशी उतारने के बाद कांग्रेस विधायक शकील अहमद ने कहा कि आरजेडी को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा. प्रत्याशियों को लेकर राजद ने कांग्रेस और भाकपा माले से कोई बातचीत नहीं की. शकील अहमद ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि बिना उनकी पार्टी के समर्थन के आरजेडी के उम्मीदवार विधान परिषद का चुनाव नहीं जीत सकते हैं. उन्होंने बताया कि एमएलसी उम्मीदवार को लेकर कांग्रेस और माले एक साथ हैं. दोनों पार्टियां साथ में मिलकर उम्मीदवार उतारने की तैयारी में हैं.
आरजेडी ने नहीं की बातचीत: कांग्रेस विधायक दल के नेता अजित शर्मा ने कहा है कि राजद ने तीन उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की है जबकि वोट के हिसाब से उसके 2 उम्मीदवार ही जीत सकते हैं. बाकी सहयोगी दलों पर सब कुछ निर्भर है. विडंवना यह है कि उम्मीदवारों की सूची जारी करने से पहले राजद ने किसी के साथ बैठक नहीं की. अजित शर्मा ने कहा कि हम लालू प्रसाद यादव से मिलकर एमएलसी चुनाव को लेकर बातचीत की थी. अब सब कुछ उलट गया है. उन्होंने कहा कि बीजेपी और जदयू में इस मामले में सब कुछ साफ है लेकिन महागठबंधन में ऐसा नहीं दिख रहा है.
महागठबंधन में किचकिच:अजीत शर्मा ने कहा कि हम लोग सोचते थे कि लोकसभा चुनाव से पहले बिहार में विपक्षी एकता और मजबूत हो. सोनिया गांधी और लालू प्रसाद बीच भी इन सब मुद्दे पर बातचीत हुई है. इस बार लोकसभा चुनाव से पहले बिहार में भी ऐसा दिखना चाहिए था कि विपक्ष एकजुट है, लेकिन जिस तरह एमएलसी चुनाव में राजद ने 3 उम्मीदवार खड़े किये हैं, उससे महागठबंधन में किचकिच हो रहा है.
विधान परिषद में एक सीट की मांग: बता दें कि विधानपरिषद में राजद के कोटे से जाने वाले दो उम्मीदवारों के नाम की घोषणा के वक्त यह तय किया गया था कि उन उम्मीदवारों के समर्थन में जरूरी संख्या को वामदलों के विधायकों से पूरा किया जाएगा. लेकिन राजद ने 3 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी. उसमें वामदलों को कोई स्थान नहीं दिया गया है. इस बात को लेकर वामदलों ने अपनी नाराजगी जताई है. उनका कहना है कि राजद ने गठबंधन धर्म का पालन नहीं किया है, जबकि उन्हें एक सीट मिलनी चाहिए थी.