पटना: लोजपा के कारण बीजेपी और जदयू की दोस्ती पर भी अब असर दिखने लगा है. जदयू के कई नेता बीजेपी के रवैये से खफा हैं. हालांकि अभी बीजेपी और लोजपा को लेकर जदयू ने कड़े तेवर नहीं दिखाए हैं. जदयू के नेता पुरानी दोस्ती का लगातार हवाला दे रहे हैं. जेडीयू नेताओं का कहना है कि 2 दशक से अधिक का रिश्ता है. इस बार भी हम लोग प्रचंड बहुमत से चुनाव जीतेंगे. लेकिन सच्चाई यही है कि कुछ सीटों पर अभी भी बात नहीं बन रही है. इसी कारण सीटों का ऐलान नहीं हो सका है.
इस बीच नीतीश कुमार ने जदयू कोटे के उम्मीदवारों को सिंबल देकर बीजेपी को भी मैसेज देने की कोशिश की है. बिहार विधानसभा चुनाव के पहले फेज का नॉमिनेशन चल रहा है और 8 अक्टूबर अंतिम दिन है. लेकिन बीजेपी और जदयू के बीच अभी तक सीटों का ऐलान नहीं हुआ है. बीजेपी के नेता लगातार दिल्ली में कई दिनों से बैठक करते रहे, उससे पहले पटना में भी लगातार बैठक की गई. दिल्ली और पटना में लगातार बैठक के बाद भी बीजेपी जदयू के बीच सीटों पर विवाद बना हुआ है.
संभव है उम्मीदवारों की घोषणा
जदयू और बीजेपी दोनों कुछ सीटों पर अभी भी अड़ी हुई है. इन सब के बीच नीतीश कुमार ने जदयू कोटे से अपने 28 उम्मीदवारों को पहले फेज के लिए सिंबल देकर एनडीए में तो बढ़त बना ही ली है. साथ ही बीजेपी को भी एक मैसेज देने की कोशिश की है. जदयू ने बीजेपी के दावे वाले पालीगंज सीट पर आरजेडी से आए जयवर्धन यादव को सिंबल दे दिया है. नीतीश कुमार इसके साथ सहयोगी जीतन राम मांझी ने भी 7 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी करा दी है.
दोस्ती पर दिख रहा असर
बीजेपी खेमे में अभी तक उम्मीदवारों को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ है. इस कारण संशय की स्थिति बनी हुई है. हालांकि देर रात बीजेपी के शीर्ष नेता पटना लौट चुके हैं. बीजेपी बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव भी आए हैं. ऐसे में सीटों के एलान होने की बात कही जा रही है. लोजपा के लगातार नीतीश कुमार पर हमला किए जाने के बाद भी बीजेपी नेताओं की चुप्पी से जदयू खेमे में भी नाराजगी है. विधानसभा चुनाव को लेकर भले ही जदयू के नेता फिलहाल कुछ बोल नहीं रहे हैं. लेकिन लोजपा और कुछ सीटों पर विवाद को लेकर बीजेपी और जदयू के बीच बरसों पुरानी दोस्ती पर एक बार फिर से खलल पड़ने लगा है.