पटना:बिहार के विश्वविद्यालय (Universities of Bihar) लूट खसोट का अड्डा बन कर रह गए हैं. मगध विश्वविद्यालय (Magadh University) के कुलपति के घर स्पेशल विजिलेंस यूनिट की छापेमारी (Special Vigilance Unit) हुई. विजिलेंस को करोड़ों रुपए की संपत्ति का पता लगा, जिसके बाद बिहार में बवाल मच गया. दरअसल, भ्रष्टाचार के जरिए कुलपति ने अकूत संपत्ति जमाकर रखी थी. जांच एजेंसी को नोट गिनने के लिए मशीन मंगवानी पड़ी थी.
ये भी पढ़ें-VC विवाद को लेकर बिहार सरकार और राजभवन के बीच बढ़ी दूरी, पुरानी है तकरार की ये कहानी
राजेंद्र प्रसाद के घर पर छापेमारी के दौरान तकरीबन एक करोड़ रुपए के नकद गहने और कई प्लॉट के कागजात जांच एजेंसियों के हाथ लगे थे. जांच के दौरान ही कुलपति को राजभवन की ओर से छुट्टी दे दी गई और उसके बाद से विवाद खड़ा हो गया.
भ्रष्टाचार का एक और मामला अरबी फारसी विश्वविद्यालय (Arabic Persian University) में भी सामने आया. सरकार ने राज्यपाल को पत्र लिखकर मौलाना मजहरूल हक अरबी फारसी विश्वविद्यालय के तत्कालीन प्रभारी कुलपति प्रोफेसर समरेंद्र प्रताप सिंह पर लगे आरोप की जांच करने को कहा है. बता दें कि अरबी फारसी विश्वविद्यालय के नवनियुक्त कुलपति प्रोफेसर कुद्दूस ने तत्कालीन प्रभारी कुलपति समरेंद्र प्रताप सिंह पर गंभीर आरोप लगाए. जिसके बाद बिहार सरकार ने राज्यपाल फागू चौहान (Governor Phagu Chauhan) को पत्र लिखकर जांच की मांग की थी.
ये भी पढ़ें-भ्रष्टाचार के आरोपी एसपी सिंह को मिला बेस्ट VC का अवार्ड, राज्यपाल ने राजभवन में किया सम्मानित
बता दें कि राज्यपाल ने आरोपी प्रोफेसर समरेंद्र प्रताप सिंह को बेस्ट चांसलर के वार्ड से मंगलवार को सम्मानित भी कर दिया. हालांकि, सम्मान समारोह से जदयू कोटे के मंत्रियों ने दूरी बना ली थी और तब से ही विवाद खड़ा हो गया. शिक्षा मंत्री विजय चौधरी (Vijay Choudhary) ने पूरे घटनाक्रम पर नाराजगी भी जाहिर की. पूरे घटनाक्रम के बाद राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में के सहयोगी दल हम पार्टी ने सीधे राजभवन पर हमला बोल दिया. पार्टी की ओर से कई गंभीर आरोप भी लगाए गए.