पटना: बिहार में महागठबंधन के साथ मिलकर नीतीश कुमार (JDU RJD Alliance Government in Bihar) ने एक बार फिर से सरकार बना ली है. नीतीश कुमार आठवीं बार सूबे के सीएम बन चुके हैं. वहीं राजद नेता तेजस्वी यादव(Tejashwi Yadav)दूसरी बार उप मुख्यमंत्री बने हैं. मंगलवार को बिहार में नीतीश मंत्रिमंडल का विस्तार ( Cabinet Expansion In Bihar) होना है. महागठबंधन के घटक दलों के बीच अभी मंत्रिमंडल में सीट शेयरिंग और विभागों को लेकर खींचतान जारी है. वहीं वामदलों की बात करें तो भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की राज्य कमेटी ने नीतीश मंत्रिमंडल में शामिल का मन बना लिया ( CPI Decided to Join Nitish Cabinet ) है. राज्य कमेटी ने इस निर्णय को केंद्रीय कमेटी को भेजा दिया है, जहां से फाइनल स्वीकृति भर की देरी है.
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"पार्टी की प्रदेश इकाई ने निर्णय लिया है कि सीपीआई सरकार में शामिल होंगे और इस निर्णय को केंद्रीय नेतृत्व को भेजा गया है. पार्टी की ओर से मंत्री कौन होंगे. इस पर केंद्रीय नेतृत्व का फैसला आ जाएगा, उसके बाद सब कुछ क्लियर होगा. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का मानना है कि वामदलों को प्रदेश में महागठबंधन के इस सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल होना चाहिए और सरकार में शामिल होकर चुनाव में जनता से किए वादों पर काम करना चाहिए."- रामनरेश पांडेय, सीपीआई के राज्य सचिव
एमएलसी केदारनाथ पांडेय बन सकते मंत्रीः सीपीआई के सूत्रों के अनुसार केंद्रीय कमेटी भी प्रदेश में मंत्रिमंडल में शामिल होने को लेकर तैयार है और पार्टी के वरिष्ठ नेता एमएलसी केदारनाथ पांडेय महागठबंधन के सरकार में पार्टी की ओर से मंत्री बनाए जा सकते हैं. वहीं सीपीआई के राज्य सचिव रामनरेश पांडेय ने कहा कि पार्टी यह भी मानती है कि जल्द ही महागठबंधन का कॉमन मिनिमम प्रोग्राम (Common Minimum Program of Grand Alliance) तैयार किया जाना चाहिए. 2020 के चुनाव में महागठबंधन का एक साझा घोषणापत्र था और जदयू का अलग घोषणा पत्र था. दोनों को मिलाकर कॉमन एजेंडे को निकालकर कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के तहत नई सरकार चलाना चाहिए. उन्होंने कहा कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी प्रदेश में इस नई सरकार के सुचारू संचालन में अपना पूरा सहयोग करेगी.