पटना: बिहार में लॉकडाउन को तीसरी बार बढ़ाया गया है. लॉकडाउन के कारण लगातार सरकार को संक्रमण दर घटाने में सफलता मिली है और रिकवरी रेट भी बढ़ा है. इन्हीं सबको देखते हुए मुख्यमंत्री ने अपने मंत्रियों और पदाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की.
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बैठक की मुख्य बिंदु:-
- सहयोगी मंत्रीगण एवं पदाधिकारियों के साथ स्थिति की समीक्षा के आधार पर 26 मई से 1 जून तक लॉकडाउन की अवधि का विस्तार का निर्णय लिया गया है.
- लॉकडाउन के कारण कोरोना संक्रमण की दर में गिरावट आयी है. पहले तीन सप्ताह तक लॉकडाउन से सकारात्मक परिणाम आए हैं.
- कोरोना संक्रमण जांच की संख्या को और बढ़ाएं.
- ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण को लेकर सभी जिलाधिकारी विशेष सतर्कता बरतें.
- कोरोना से मरने वालों के परिजनों को मुख्यमंत्री राहत कोष से 4 लाख रुपए की राशि दी जा रही है. सभी जिलाधिकारी कोरोना संक्रमण से होने वाली मृत्यु की पूरी जानकारी एकत्रित करें और उनके परिजनों को अनुग्रह राशि उपलब्ध कराएं.
- लॉकडाउन के दौरान सामूहिक किचेन के माध्यम से सभी जरुरतमंद लोगों को भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। हरेक प्रखंड में सामुदायिक किचेन की शुरुआत कर दी गई है.
- लॉकडाउन के दौरान जरुरतमंद लोगों को रोजगार भी उपलब्ध कराया जा रहा है.
- हमलोगों ने किसी की उपेक्षा नहीं की है, सभी के हित के लिए काम कर रहे हैं.
- प्रतिदिन औसतन लगभग 1 लाख 27 हजार जांच की जा रही है. कोरोना संक्रमण जांच की संख्या को और बढ़ाना है, इसे प्रतिदिन 1 लाख 50 हजार से अधिक तक ले जाना है.
- मुख्यमंत्री ने कहा कि चलंत टेस्टिंग वैन की शुरुआत की गई है, जिससे प्रतिदिन ग्रामीण क्षेत्रों में 1 हजार जांच होगी तथा इस जांच की रिपोर्ट 24 घंटे में लोगों को मिल जाएगी.
- मार्च महीने में 10 लाख की आबादी पर देश में प्रतिदिन जितनी औसतन जांच हो रही थी उसकी तुलना में बिहार में 14 हजार जांच अधिक हो रही थी.
रिकवरी रेट 93.85 प्रतिशत
राज्यभर में पिछले 24 घंटे के दौरान 1, 28, 033 सैंपल की जांच की गई है. वहीं, राज्य में रिकवरी रेट 93.85 प्रतिशत दर्ज किया गया है.