नई दिल्ली/ पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली दौरे पर हैं. बुधवार को नीतीश कुमार ने गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की. माना जा रहा है कि आज वे पीएम मोदी से मुलाकात करेंगे. दिल्ली पहुंचने के बाद सीएम नीतीश ने मीडिया से बात की.
दरअसल, बिहार में पिछले साल नवंबर में विधानसभा चुनाव के बाद नीतीश सरकार में पहली बार मंत्रिमंडल विस्तार के बाद 'नाराजगी' के स्वर घटक दलों के साथ-साथ बीजेपी और जेडीयू में उभरने लगे हैं. ऐसे में तय माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में विपक्षी दल इस नाराजगी को और हवा देंगे.
पीएम मोदी से मुलाकात के सवाल पर सीएम नीतीश ने कहा कि बिहार चुनाव के बाद मुझे आकर मिलना ही था, उसी को लेकर आए हैं. उन्होंने कहा कि कोरोना से पहले हम दिल्ली आए थे. अब तो आने-जाने की शुरुआत हो गई है. वहीं, जब मंत्रिमंडल विस्तार पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कि वह तो हो ही गया है, कहीं कोई दिक्कत नहीं है. 19 फरवरी से बिहार का बजट सत्र शुरू होगा.
ये भी पढ़ें-पीएम मोदी के भाषण में भोजपुरी तड़का, 'न खेलब, न खेले देम, खेलवे बिगाड़ब'
मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर कई लोग हैं नाराज?
गौरतलब है कि मंत्रिमंडल विस्तार होने के बाद कई नेता नाराज है, खासकर बीजेपी विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने मंत्रिमंडल विस्तार पर नाराजगी जताई है. इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पार्टी यह सब तय करती है. किसी को अच्छा नहीं लगता है तो वह उनकी निजी बात है.
बीजेपी विधायक ने क्या कहा था?
बिहार में मंगलवार को मंत्रिमंडल विस्तार में 17 नए मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई गई थी. इसके बाद बीजेपी के बाढ़ से विधायक और वरिष्ठ नेता ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने नाराजगी जताते हुए सवर्णो की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए दागियों को मंत्रिमंडल में शामिल करने का आरोप लगा दिया था.
''जातिगत संतुलन का ध्यान नहीं रखा गया है. खासकर उच्च जाति के लोगों को पूरी तरह इग्नोर किया गया है. जिन लोगों को मंत्री बनाया गया है, उनके पास अनुभव नहीं है. मंत्रिमंडल विस्तार में साउथ बिहार को पूरी तरह इग्नोर किया गया?'' - ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू, बीजेपी विधायक