पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को विधानसभा में नागरिकता संशोधन कानून, एनआरसी और एनपीआर के मुद्दे पर बहस करने की सहमति जताई. मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद सभी दलों के नेताओं ने अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दी है.
'कानून के बहाने देश को बांटना चाहती है केंद्र सरकार'
नीतीश कुमार के इस बयान पर आरजेडी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनकी पार्टी इस कानून का पुरजोर विरोध करती है. राजद नेता रामचंद्र पूर्वे ने कहा कि इस देश को कभी भी धर्म और जाति के आधार पर नहीं बांटा जा सकता. लेकिन वर्तमान केंद्र सरकार यही करना चाहती है. इसलिए हमारी पार्टी इस कानून का विरोध करती है.
बलियावी ने भी किया सीएम के बयान का स्वागत
वहीं सीएम नीतीश के इस बयान का स्वागत करते हुए उनकी पार्टी जेडीयू एमएलसी गुलाम रसूल बलियावी ने कहा कि इस पर व्यापक बहस होनी ही चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि इन मुद्दों पर व्यापक बहस करना जनता के हित में होगा. आम जनता में जो संशय और डर का माहौल बना हुआ है उसपर बहस करने से बेहतर परिणाम आएंगे.
'इस मुद्दे पर बहस करना सराहनीय कदम'
दूसरी ओर मुख्यमंत्री के बहस वाले बयान पर सहयोगी बीजेपी भी सहमति जताई है. कटिहार से बीजेपी एमएलसी अशोक अग्रवाल कहते हैं कि अगर मुख्यमंत्री इस बात की चर्चा करना चाहते हैं तो ये सराहनीय कदम होगा. सभी दलों को इस विषय पर बहस करनी चाहिए.