बिहार

bihar

ETV Bharat / city

बिहार स्टेट शिया वक्फ बोर्ड की दावत-ए-इफ्तार में शामिल हुए CM नीतीश - etv bharat

बिहार स्टेट शिया वक्फ बोर्ड (Bihar State Shia Waqf Board) के द्वारा आयोजित दावते इफ्तार पार्टी में सीएम नीतीश कुमार शामिल हुए. मुख्यमंत्री को गुलदस्ता, टोपी और साफा भेंटकर उनका अभिनंदन किया गया.

दावते इफ्तार पार्टी में सीएम नीतीश कुमार
दावते इफ्तार पार्टी में सीएम नीतीश कुमार

By

Published : Apr 27, 2022, 10:26 PM IST

पटना:मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) बुधवार को पटना स्थित बिहार स्टेट शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष सैयद अफजल अब्बास के आवास पर आयोजित दावत-ए-इफ्तार में शरीक हुए. मुख्यमंत्री को गुलदस्ता, टोपी और साफा भेंटकर उनका अभिनंदन किया गया. इफ्तार के बाद नमाज अदा की गई. जिसमें दावत ए इफ्तार में शरीक मुख्यमंत्री सहित सभी रोजेदारों ने प्रदेश, समाज और देश में अमन-चैन, शांति व भाईचारा का माहौल कायम रहने की दुआ मांगी.

ये भी पढ़ें-JDU की इफ्तार पार्टी में तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार फिर होंगे आमने-सामने

कई गणमान्य लोग रहे मौजूद: इस अवसर पर शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी, भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी, जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहम्मद जमा खान, सांसद रामकृपाल यादव, जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा, विधान पार्षद गुलाम गौस, मेयर पटना नगर निगम सीता साहू, पूर्व सांसद मोनाजिर हसन, बिहार स्टेट सुन्नी वक्फ बोर्ड के चेयरमैन इरशादुल्लाह, जदयू अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष सलीम परवेज, मुख्य सचिव आमिर सुबहानी सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति और रोजेदार उपस्थित थे.

पाक महीना है रमजान:इफ्तार पार्टी में शामिल हुए रोजेदारों ने बताया कि ये रहमत और बरकतों का यह महीना है. इस महीने को नेकियों का महीना भी कहा जाता है. इस पाक महीने में कुरान शरीफ नाजिल हुआ था. कुरान शरीफ में रोजे का मतलब है तकवा यानी बुराइयों से बचना और दूसरों की भलाई करना, गरीबों की मदद करना. रमजान में सिर्फ भूखे प्यासे रहने का नाम रोजा नहीं है. सारी बुराईयों से दूर रहना इस महीने में बेहद जरूरी है.

कुरान का किया जाता है पाठ:बता दें कि रमजान के महीने में मुसलमान रोजा रखते हैं और सूरज निकलने से लेकर सूरज डूबने तक कुछ खाते-पीते नहीं हैं. सूरज निकलने और डूबने के समय में परिवर्तन के साथ इसमें भी बदलाव होता रहेगा. रमज़ान में मुस्लिम समुदाय के लोग ईशा (पांच वक्त की नमाज़ में रात में साढ़े आठ बजे होने वाली अंतिम नमाज) के बाद पूरे महीने विशेष नमाज़ अदा करते हैं, जिसे ‘तरावीह’ कहा जाता है. इस नमाज़ में कुरान का पाठ किया जाता है.

विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करेंETV BHARAT APP

ABOUT THE AUTHOR

...view details