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अब पढ़ाई पूरी करने पर जोर, डीडी बिहार पर 17 से लगेगी क्लास, घर-घर जाकर गाइड करने की भी होगी व्यवस्था

डीडी बिहार पर बच्चों की पढ़ाई होगी. इसके लिए सरकार ने निर्देश जारी किए हैं. साथ ही जिन बच्चों के पास डिजिटल डिवाइस नहीं है उन्हें शिक्षा सेवकों की मदद से घर पर ही मार्गदर्शन मिलेगा. आगे पढ़ें पूरी खबर...

classes on DD Bihar
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Published : Jan 15, 2022, 9:50 AM IST

पटना :कोविड-19 संक्रमण की वजह से बिहार में तमाम स्कूल बंद (School closed in bihar) हैं. स्कूल बंद होने की वजह से पढ़ाई प्रभावित है. ऐसे में अब सरकारी स्कूलों के बच्चों की पढ़ाई को लेकर सरकार गंभीर हुई है. शिक्षा विभाग ने बिहार दूरदर्शन पर पढ़ाई (classes on DD Bihar) शुरू करने की व्यवस्था की है. इसके अलावा सभी स्कूलों को निर्देश दिया गया है कि वे डीजी लॉकर के तहत पढ़ाई शुरू करें और जिन बच्चों के पास डिजिटल डिवाइस नहीं है उन्हें शिक्षा सेवकों की मदद से घर पर ही मार्गदर्शन मिलेगा.


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शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने सभी जिलों को निर्देश जारी किया है. पहली से लेकर क्लास 12वीं तक के बच्चों के लिए ऑनलाइन के साथ-साथ ऑफलाइन पढ़ाई सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी प्रधानाचार्य और जिले के शिक्षा अधिकारियों को सौंप दी है. संजय कुमार ने बताया कि 17 जनवरी से एक बार फिर क्लास 6 से 12 तक के बच्चों की पढ़ाई शुरू हो रही है. क्लास 6-8 के लिए सुबह 10:00 से 11:00, क्लास 9 से 10 के लिए सुबह 10:00 से 11:00 और क्लास 11 से 12 के लिए सुबह 11 से 12 के बीच पढ़ाई होगी.

देखें रिपोर्ट.

जिन बच्चों के पास डिजिटल डिवाइस है उनके लिए ई लॉट्स पर अध्ययन सामग्री उपलब्ध है. इसके अलावा क्लास 1 से 5 तक के बच्चों को घर पर ही शिक्षक और शिक्षा सेवकों से मार्गदर्शन मिलेगा. शिक्षा विभाग ने सभी जिला पदाधिकारी और जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देश दिया है कि बच्चों की पढ़ाई में निरंतरता बनाए रखने के लिए हर तरह का प्रचार प्रसार किया जाए ताकि सभी उपलब्ध संसाधनों का बच्चे भरपूर उपयोग कर सकें.

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जिन बच्चों के पास डिजिटल डिवाइस उपलब्ध है वह अपने घर पर रहकर शिक्षा विभाग की ई लाइब्रेरी पर उपलब्ध पाठ्यक्रम के जरिए अपनी पढ़ाई कर सकेंगे. इसके लिए हेड मास्टर अपने स्कूल के डिजिटल डिवाइस की उपलब्धता वाले बच्चों का व्हाट्सएप ग्रुप बनाएंगे और विभिन्न डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए उन तक शिक्षण सामग्री पहुंचाएंगे और उनका मार्गदर्शन भी करेंगे. वहीं जिन बच्चों के पास कोई डिजिटल डिवाइस नहीं है और विशेष रूप से कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों की पढ़ाई सुचारू रूप से सुनिश्चित करने के लिए शिक्षा विभाग ने स्कूलों के प्रधान को निर्देश दिया है कि वह अपने शिक्षकों के माध्यम से बच्चों को प्रेरित करेंगे और राज्य में कार्यरत 250 नॉलेज रिसोर्स पर्सन और 28000 शिक्षा सेवकों के जरिए विभिन्न रोगों में भ्रमण कर बच्चों को घर पर ही पढ़ाई में मदद करेंगे.

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