पटना:जातीय जनगणना (Caste Census) को लेकर बीजेपी और जदयू आमने-सामने है. भाजपा ने जातिगत जनगणना को लेकर असमर्थता जाहिर कर दी है, तो जदयू अपनी मांग पर अडिग है. जदयू का कहना है कि जातिगत जनगणना हमारी पुरानी मांग है. भाजपा नेताओं ने भी सर्वमम्मति से प्रस्ताव में भागीदारी दी थी. वहीं भाजपा ने साफ कह दिया है कि फिलहाल जातिगत जनगणना संभव नहीं है.
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जातिगत जनगणना को लेकर जदयू के उम्मीदों पर पानी फिर गया है. भाजपा की ओर से दो टूक कह दिया गया है कि वर्तमान परिस्थितियों में जातिगत जनगणना संभव नहीं है. हालांकि जदयू ने उम्मीद नहीं छोड़ी है. पार्टी ने संघर्ष जारी रखने का फैसला लिया है. आपको बता दें कि नीतीश कुमार सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर चुके हैं. जातिगत जनगणना के पक्ष में आवाज बुलंद भी कर चुके हैं.
'फिलहाल जातिगत जनगणना कराना संभव नहीं है. पिछली बार यूपीए ने जातिगत जनगणना कराने की कोशिश की थी 4,28,000 जाति की सूची सामने आ गई. 10 करोड़ से ज्यादा त्रुटियां सामने आए. उसके बाद उन लोगों ने जातिगत जनगणना को ठंडे बस्ते में डाल दिया. वर्तमान परिस्थितियों में जातिगत जनगणना संभव नहीं है.' -निखिल आनंद, भाजपा प्रवक्ता