पटना: बिहार पुलिस जहां शराब माफियाओं की नकेल कसने में व्यस्त होने का दावा करती है, वहीं राज्य में 100 से अधिक चौकीदारों ने अनिश्चित काल के लिए काम स्थगित कर (Chaukidar on strike in Patna) दिया है. वे पटना में धरने पर बैठ गए हैं. चौकिदारों का बिहार पुलिस पर आरोप है कि, वे अपने-अपने क्षेत्र में शराब माफियाओं की गतिविधियों की गुप्त सूचना पुलिस को दे रहे हैं, लेकिन पुलिस शराब माफियाओं को जानकारी लीक कर ( Bihar Police leak information to liquor mafia ) रही है. इससे उन पर हमले हो रहे हैं.
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पटना के गर्दनीबाग में अपनी मांगों के समर्थन में प्रदेशभर से आए दफादार-चौकिदारों ने शराबबंदी नियमावली 2019 (Liquor Prohibition Rules 2019) के विरोध में एक दिवसीय धरना दिया. नवादा के एक चौकीदार मोहम्मद सहजाद खान ने कहा कि चौकीदारों का काम अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में शराब माफियाओं के बारे में गुप्त जानकारी एकत्रित करना है. हम बिना किसी झिझक के यह काम कर रहे हैं. एक बार जब हम पुलिस थानों के एसएचओ और सब-इंस्पेक्टरों को जानकारी देते हैं, तो वे हमारे नामों का खुलासा कर देते हैं. नतीजतन, हमारे जीवन के लिए ये खतरा हैं. हम शराब माफियाओं के हमलों का सामना कर रहे हैं.
एक अन्य चौकीदार सत्येंद्र कुमार ने कहा कि हम चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं, जिसमें पुलिस स्टेशनों में स्वच्छता कार्य, नोटिस और समन का वितरण, बैंकों के बाहर अजनबियों की गतिविधियों पर नजर रखने के अलावा शराब माफियाओं की गतिविधियों की निगरानी भी शामिल है. लेकिन जब भी नकली शराब की घटनाएं सामने आती हैं, तो हम आग की चपेट में आ जाते हैं.
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मधेपुरा से आरएन यादव ने कहा कि हम एक निहत्थे बल हैं. हमारा काम सूचना एकत्र करना और पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को देना है. शराब माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करना एसएचओ और अन्य अधिकारियों का काम है, जो वे नहीं कर रहे हैं. इसके अलावा वे हमारी जानकारी उन्हें लीक करके हमारे जीवन को खतरे में डाल रहे हैं. अब हम बेहद डरे हुए हैं.
इस दौरान दफादार चौकीदार संघ के सचिव डॉक्टर संत ने बताया कि बिहार सरकार द्वारा पारित शराबबंदी नियमावली 2019 के अंतर्गत यह कानून बनाया गया है कि जिस चौकीदार-दफादार के इलाके में शराब की बरामदगी होगी, उस इलाके के दफादार-चौकीदार सहित इंस्पेक्टर पर भी कार्रवाई की जाएगी. इसके विरोध में बिहार के कई जिलों से आए दफादार-चौकीदार आज पटना के गर्दनीबाग धरना स्थल पर एकत्रित हुए हैं. वे सरकार द्वारा पारित शराबबंदी नियमावली 2019 के अंतर्गत किए जाने वाले दफादार और चौकीदार पर कार्रवाई को वापस लेने की मांग कर रहे हैं.
डॉ. संत ने बताया कि सरकार ने आज तक सूचना को एकत्रित करने के लिए कोई विश्वसनीय पद्धति नहीं बनाई जिस कारण कई जिलों में दफादार और चौकीदारों की हत्या कर दी गई. हालात यह है कि दफादार और चौकीदार द्वारा दिए गए सूचना को थाना प्रभारी छुपा देते हैं और उसके बाद कार्रवाई होने पर दफादार और चौकीदार को निलंबित और बर्खास्त तक कर दिया जाता है. पुलिस को हथियारों के बल पर अपनी सुरक्षा कर लेती है पर दफादार-चौकीदार की सुरक्षा राम भरोसे रहती है.
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