पटना: एलजेपी के पांच सांसदों ने पार्टी से अलग होने का फैसला कर लिया है. अब चिराग पार्टी में अकेले ही रह गए हैं. हालांकि, चिराग गुट के सौरभ पांडे (Saurabh Pandey) की इन दिनों काफी चर्चा है. सौरभ पांडे को लोजपा (Lok Janshakti Party) की मौजूदा हालत के लिए जिम्मेदार बताया जा रहा है. इस बीच, सौरभ पांडेय ने एक चिट्ठी जारी की है.
रामविलास पासवान द्वारा लिखा गई चिट्ठी
सौरभ पांडेय ने अपने ट्विटर अकाउंट पर चिट्ठी जारी किया है. जिसमें सौरभ ने लिखा है कि, ''ये रामविलास पासवान द्वारा लिखा गई चिट्ठी है, जो उन्होंने 1 जनवरी 2020 को लिखी थी. चिट्ठी में राजनीतिक हालात पर चिंतन और चिराग पासवान की मेहनत की तारीफ की गई थी और दोनों को आगे बढ़कर पार्टी के लिए काम करने के लिए कहा गया था.''
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'सौरभ मंजिल अभी दूर है...'
सौरभ पांडे ने आगे लिखा, 'तुम लोगों के सहयोग से चिराग सांसद, राष्ट्रीय अध्यक्ष और सदन में नेता है. देश के बड़े लोगों में चिराग का स्थान है, 2013 में चिराग राजनीति में आया और कम वक्त में शिखर पर पहुंच गया. तुम दोनों ने पिछले कुछ सालों में काफी मेहनत की है, उसी का ये परिणाम है. लेकिन, सौरभ मंजिल अभी दूर है, दो लक्ष्य हैं पहला बिहार और फिर देश.'
बता दें कि चिराग पासवान (Chirag Paswan) और लोजपा के चाणक्य कहे जाने वाले सौरभ पांडे (Saurabh Pandey) को लेकर काफी आक्रोश देखने को मिल रहा है. बताया जाता है कि तीन महीने पहले भी पशुपति पारस ने चिराग पासवान से सौरभ पांडे को निकालने की बात कही थी.
''हम चिराग पासवान को अपना आइडियल मानते हैं और मानते रहेंगे, लेकिन जब से सौरभ पांडे लोजपा में आए हैं तब से पूरी तरह से पार्टी टूट के कगार पर पहुंच गई है. अभी भी कुछ बिगड़ा नहीं है, अगर सौरभ पांडे को चिराग पासवान पार्टी से निकाल देते हैं, तो पार्टी एकजुट रहेगी.'' - दिनेश पासवान, लोजपा नेता
कौन हैं सौरभ पांडे
लोक जनशक्ति पार्टी के युवा नेता सौरभ पांडे, चिराग पासवान के दोस्त है और साथ काम करते हैं. वैसे सौरभ पांडेय की एक पहचान चिराग के चाणक्य तौर पर भी है. 2014 लोकसभा चुनावों के बाद से उनका कद पार्टी में तेजी से बढ़ा है.