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PMCH शिशु वार्ड की व्यवस्था चरमराई, लौटाए जा रहे वायरल फीवर से ग्रसित बच्चे

पीएमसीएच में परिजनों को काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है. डॉक्टर जो भी दवाइयां लिख रहे हैं, उसे बाहर से लाना पड़ रहा है. नीकू वार्ड फुल है. ऑक्सीजन सपोर्ट की समस्या है. इमरजेंसी वार्ड में एक बेड भी खाली नहीं बचा है.

पीएमसीएच
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Published : Sep 12, 2021, 5:32 PM IST

पटना: प्रदेश में वायरल फीवर (Viral Fever In Patna) का मामला काफी बढ़ गया है. गंभीर स्थिति में अस्पताल में एडमिट होने वाले बच्चों की संख्या भी काफी अधिक हो गई है. पीएमसीएच (PMCH) के शिशु वार्ड की व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है. अस्पताल के शिशु वार्ड के इमरजेंसी के सभी बेड फुल हो गए हैं और हालात ऐसे हो गए हैं कि नीकू के एक बेड पर तीन-तीन बच्चों का इलाज चल रहा है. एक ऑक्सीजन पाइप लाइन से तीन ऑक्सीजन पाइप लाइन ट्यूब लगा कर बच्चों को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है.

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स्थिति ऐसी आ गई है कि अब नीकू के गंभीर स्थिति में पहुंचने वाले बच्चे को अस्पताल में चिकित्सकों द्वारा यह कह कर बाहर भेज दिया जा रहा है कि वह अस्पताल में एडमिट तो कर सकते हैं, मगर ऑक्सीजन सपोर्ट में नहीं रख सकते हैं. सभी बेड फूल हैं. ऐसे में बच्चों के हित के लिए कहीं बाहर दूसरे जगह लेकर जाएं, जहां ऑक्सीजन सपोर्ट मिल सके.

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इसके साथ ही पीएमसीएच के शिशु वार्ड में वायरल बुखार से संक्रमित बच्चों के परिजनों का कहना है कि अस्पताल में डॉक्टर सिर्फ ट्रीटमेंट कर रहे हैं. जो कुछ भी जांच कराने को कहा जा रहा है वह पीएमसीएच में नहीं हो रहे हैं. सभी बाहर से कराना पड़ रहा है. दवाइयां भी बाहर से खरीदनी पड़ रही है.

बताते चलें कि सरकार की तरफ से दावा किया जाता रहा है कि पीएमसीएच में सभी प्रकार की जांच की सुविधा है. अस्पताल में सभी दवाइयां निशुल्क उपलब्ध है. मगर यह दावे जमीनी स्तर पर बिल्कुल झूठे नजर आते हैं.

'फुलवारी शरीफ से अपनी बच्ची को लेकर पीएमसीएच पहुंचे हैं. 6 सितंबर से ही बच्ची को लेकर अस्पताल में हैं. बच्ची को लगातार बुखार रह रहा था. बुखार उतर नहीं रहा था. अस्पताल में इलाज से लाभ मिल रहा है. मगर दवाइयां बाहर से लाना पड़ रहा है. जांच भी बाहर से कराने पड़े हैं.'-सीटू राज, बीमार बच्ची के पिता

'बेटे मीकू कुमार को वायरल फीवर की शिकायत है. स्थिति गंभीर होने पर पीएमसीएच में इलाज कराने पहुंची हूं. बुखार बच्चे का उतर नहीं रहा था. सांस लेने में तकलीफ काफी बढ़ गई थी. ऐसे में पीएमसीएच में बच्चा अभी ऑक्सीजन सपोर्ट पर है. मगर इलाज से थोड़ा लाभ नजर आ रहा है. पीएमसीएच के चिकित्सकों द्वारा सात से आठ जांच कराने को कहा गया, जिसमें से दो जांच ही पीएमसीएच में हुए. 5 जांच बाहर के सेंटर से कराना पड़ा. कई दवाइयां बाहर से भी मंगानी पड़ रही है. क्योंकि अस्पताल में वह उपलब्ध नहीं है.'-नीतू देवी, बीमार बच्चे की मां

'बच्ची अभी 10 दिन की है. इसे सांस लेने में तकलीफ है. जिले में बच्ची को अस्पताल में एडमिट की हुई थी, लेकिन वहां से पीएमसीएच रेफर कर दिया गया. यहां आने पर बताया गया कि नीकू में ऑक्सीजन और वेंटीलेटर के एक भी बेड खाली नहीं हैं. बच्चे को एडमिट करने में कोई परेशानी नहीं है. मगर बच्ची को ऑक्सीजन की सख्त जरूरत है. ऐसे में बच्ची के हित के लिए जरूरी है कि ऐसे अस्पताल पहुंचे, जहां बच्चे को ऑक्सीजन बेड मिल जाए. पीएमसीएच में उनके बच्ची के लिए बेड नहीं मिल पाई. इतने दूर से बड़ी उम्मीदों से पीएमसीएच पहुंची थी. घोर निराशा हात लगी है.'-पूजा कुमारी, बीमार बच्ची की मां

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