पटना: रविवार को जल जीवन हरियाली और नशा मुक्ति के पक्ष में साथ ही दहेज प्रथा और बाल विवाह उन्मूलन के लिए राज्यव्यापी मानव श्रृंखला बनाई गई. मुख्य सचिव दीपक कुमार ने बताया कि मानव श्रृंखला में कुल 5 करोड़ 16 लाख 71 हजार 389 लोगों ने हिस्सा लिया. इन लोगों ने 18 हजार 34 किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला बनाई. विश्वस्तरीय मानव श्रृंखला बनाने के लिए मुख्य सचिव ने बिहार वासियों को धन्यवाद और बधाई दी.
'मानव श्रृंखला बनाने में खर्च हुए 16 करोड़ रुपये'
दीपक कुमार ने बताया कि पिछले 2 महीनों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य के सभी जिलों में जल जीवन हरियाली अभियान को लेकर बैठक और आम सभाएं की. मानव श्रृंखला बनाने में लगभग 16 करोड़ रुपये खर्च हुए.
विश्वस्तरीय मानव श्रृंखला '7 हवाई मार्ग से ली गई फोटो'
मुख्य सचिव दीपक कुमार ने यह भी बताया कि 7 हवाई मार्ग से फोटो ली गई हैं. सैकड़ों ड्रोन के जरिए भी मानव श्रृंखला की तस्वीर ली गई है. उन्होंने बताया कि श्रृंखला निर्माण में आम जनता, भारी संख्या में महिलाओं एवं विश्वविद्यालय के छात्र छात्राओं, जीविका दीदी, साक्षरता कार्यकर्ता, शिक्षा सेवक, आशा कार्यकर्ता और जनप्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया
'कैदियों और धर्मावलंबियों ने भी लिया हिस्सा'
मुख्य सचिव ने बताया कि विभिन्न जेलों में 43445 कैदियों ने भी मानव श्रृंखला बनाई. कुछ लोगों ने रंग-बिरंगे पोशाकों में तो कुछ धर्मावलंबियों ने अपने धार्मिक पोशाकों में भी हिस्सा लिया. उन्होंने बताया कि साल 2017 में 11 हजार 293 किलोमीटर के लिए 3.5 करोड़ से अधिक लोगों ने हाथ से हाथ जोड़कर नशा मुक्ति के पक्ष में आवाज बुलंद की थी.
'मानव श्रृंखला का लक्ष्य तकरीबन 14 हजार किमी था'
एक बार फिर 21 जनवरी 2018 को बिहार वासियों ने बाल विवाह एवं दहेज उन्मूलन के लिए 14 हजार किलोमीटर की मानव श्रृंखला बनाई थी. ये दोनों ही मानव श्रृंखला विश्व रिकार्ड कायम कर चुकी थी. उन्होंने बताया कि जल जीवन हरियाली के लिए बनायी जाने वाली मानव श्रृंखला का लक्ष्य तकरीबन 14 हजार 500 किलोमीटर तय किया गया था. इस बार लक्ष्य से भी अधिक लोगों ने जुड़ कर मानव श्रृंखला को सफल और विश्वस्तरीय बनाया.