पटनाः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) जनता दरबार (Janta Darbar) में लोगों की समस्याओं को सुन रहे हैं. मुख्यमंत्री आज शिक्षा, स्वास्थ्य, समाज कल्याण, पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण, अनुसूचित जाति जनजाति कल्याण, साइंस एंड टेक्नोलॉजी, आईटी, कला संस्कृति एवं युवा विभाग, वित्त विभाग, श्रम संसाधन विभाग और सामान्य प्रशासन विभाग से संबंधित शिकायतें सुन रहे हैं.
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सीएम नीतीश कुमार संवाद स्थित परिसर में बनाए गए नए हॉल में जनता दरबार में समस्याओं को सुन रहे हैं. इस दौरान वे लोगों की समस्याओं को सुनकर तुरंत निष्पादित करने का निर्देश अधिकारियों को दे रहे हैं. सीएम के जनता दरबार के दौरान संबंधित विभाग के मंत्री और तमाम अधिकारी भी मौजूद हैं.
5 सालों के बाद कोरोना काल में शुरू किए गए जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में फिलहाल सीमित संख्या में ही लोगों को शामिल किया जा रहा है. जनता दरबार में शामिल होने के लिए लोगों को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना पड़ता है. सीमित संख्या में लोगों को बुलाया जा रहा है. इसका कारण है कि रजिस्ट्रेशन कराने के बावजूद लोगों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है. जनता दरबार के बाहर ऐसी बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं, जिन्होंने रजिस्ट्रेशन एक से डेढ़ महीना पहले करवा लिया है. लेकिन अभी तक जनता दरबार के लिए बुलावा नहीं आया है.
मुख्यमंत्री ने 5 साल बाद फिर से जनता दरबार का कार्यक्रम शुरू किया है. मुख्यमंत्री ने इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में जदयू की खराब परफॉर्मेंस के बाद फिर से जनता दरबार लगाने की घोषणा की थी. कोरोना महामारी के कारण जनता दरबार पहले शुरू नहीं हो पाया था. इसे http://cm.bihar.gov.in/live , https://www.facebook.com/iprdbihar , https://twitter.com/IPRD_Bihar और https://www.youtube.com/iprdbihar पर लाइव देखा जा सकता है.
दरअसल, जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम प्रत्येक महीने के पहले तीन सोमवार को आयोजित होता है. एक दिन में मुख्यमंत्री कई लोगों से मिलते है और उनकी समस्याएं सुनते है. हर सोमवार को अलग-अलग विभाग की समस्याएं ली जाती है. जनता दरबार में जिस दिन जिस विभाग की समस्या सुनी जाती है, उस दिन उस विभाग के तमाम पदाधिकारी और मंत्री मौजूद रहते हैं.