पटना: आस्था का महापर्व छठ (Chhath Puja) की आज नहाय-खाय के साथ शुरूआत हो रही है. यह त्योहार मुख्य तौर पर बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है लेकिन, आजकल बहुत लोग इस व्रत को करने लगे हैं. लोक आस्था के इस महापर्व पर छठ व्रती उगते और डूबते डुए सूर्य को अर्घ्य देकर उनकी आराधना करती हैं.
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नहाए खाए के साथ सोमवार से लोक आस्था का महापर्व कहे जाने वाले छठ की शुरुआत हो गई है. इस पर्व के शुरू होते ही पटना समेत पूरे प्रदेश में घाटों पर छठ व्रतियों की भीड़ गंगाजल ले जाने के लिए उमड़ पड़ी है. इसी कड़ी में गंगा घाट पर पहुंचे लोग जल पात्रों में गंगाजल भरकर घर की ओर ले जाते नजर आ रहे हैं. चार दिनों तक चलने वाले लोक आस्था के महापर्व को लेकर पटना के तमाम गंगा घाटों पर छठ व्रतियों की भीड़ उमड़ पड़ी है. तमाम गंगा घाटों पर छठ गीतों से गूंज रहे हैं.
इस दिन व्रत रखने वाली महिलाएं स्नान करके नए कपड़े पहनकर पूजा करती हैं. छठव्रतियों को नए कपड़े की आवश्यकता होती है. पीले और लाल रंग के कपड़ों की विशेष महत्ता होती है. हालांकि दूसरे रंग के कपड़े भी पहने जा सकते हैं. स्नान के बाद ही छठव्रती चना दाल, कद्दू की सब्जी और चावल का प्रसाद ग्रहण करती हैं.
छठ के दूसरे दिन खरना कहा जाता है. इस दिन छठ व्रती दिनभर निर्जला उपवास रखती है और शाम को अरवा चावल की बनी खीर और रोटी छठी मईया को अर्पण करके बाद में उनका प्रसाद ग्रहण करती है. इसके साथ ही व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो जाता है.
गौरतलब हो कि सोमवार से शुरू हुए लोक आस्था के इस महापर्व को लेकर गंगा घाटों पर छठ व्रतियों की भीड़ उम्र पड़ी है. ऐसे में मौके पर मौजूद एसडीआरएफ (SDRF) और एनडीआरएफ (NDRF) की टीम किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार नजर आ रही है. वहीं, बैरिकेडिंग के पार जा रहे लोगों को यह टीम रोक रही है. छठ पर्व को लेकर पुलिस प्रशासन भी पूरी तरह से तत्पर है.
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