पटना:सिर्फ कोडिंग ही क्यों? ट्रेंडिंग टेक्नोलॉजी कोर्स करें और उच्च वेतन प्राप्त करें. आज युवाओं का रूझान तकनीकी कोर्स करने की दिशा में बढ़ रहा है क्योंकि इन तकनीकी कोर्स करने के बाद उन्हें करियर बनाने के लिए बेहतरीन अवसर मिल रहे है. ऐसे में अब देश में 5G, आईओटी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बढ़ते रोल को देखते हुएएनआईटी पटना में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना (Center of Excellence has been Established at NIT Patna) गई है. इस सेंटर को टीएसएससी यानी टेलीकॉम सेक्टर स्किल काउंसिल के साथ एक एमओयू के बाद स्थापित किया गया है. इसमें चीन की दिग्गज टेलीकॉम कंपनी हुवावे (Huawei) का भी अहम रोल है. एनआइटी पटना (NIT Patna) में स्थापित होने वाला यह सेंटर संभवत: बिहार का एकलौता सेंटर है.
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स्किल और रिसर्च में हेल्प:इस सेंटर के कोऑर्डिनेटर सह एनआइटी के फैकल्टी प्रोफेसर जयंत घोष ने बताया कि इस सेंटर के माध्यम से स्किल को ट्रेंड किया जाएगा. इसमें कोई भी एडमिशन ले सकता है. इसकी सीटें कितनी होंगी, यह सेंटर के आधिकारिक रूप से उद्घाटन होने के बाद बता दी जाएगी. उन्होंने कहा कि इस सेंटर की आधिकारिक रूप से शुरुआत जल्द हो जाएगी. इस सेंटर में स्कील को डेवलप करने के साथ ही रिसर्च पर भी जोर दिया जाएगा. इसकी तैयारी गवर्मेंट स्कीम के तहत की गई है. यहां उच्च क्वालिटी के कंप्यूटर तो स्थापित किए ही गए हैं, साथ ही बड़ी सी एलइडी स्क्रीन भी लगाई गई है.
तेजी से बढ़ रहा यह सेक्टर: प्रो. जयंत घोष ने बताया कि आइटी और टेलीकॉम सेक्टर में जॉब को लेकर संभावनाएं लगातार बनी रहती है. आज के वक्त में मोबाइल और इंटरनेट जैसे हाइटेक कम्यूनिकेशन लोगों की पहली जरूरत है. इन मोबाइल उपभोक्ताओं की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है. ऐसा अनुमान है कि अपने देश में मोबाइल उपभोक्ताओं की संख्या जल्द ही एक अरब को पार कर सकती है. यह सेक्टर जिस तेज गति से आगे बढ रहा है, उसी तेजी से इस सेक्टर में जॉब का ग्राफ भी बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि इस सेंटर का भी उद्देश्य एक्सीलेंस के साथ जॉब के अवसर को प्रदान करना है. भारत का मोबाइल फोन बाजार दुनिया में सबसे तेजी से आगे बढ़ रहा है. टेलीकम्युनिकेशन का सबसे बडा नेटवर्क चीन के बाद भारत में ही है.
जॉब के बेहतर अवसर: सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के बारे में प्रो. घोष ने बताया कि इस सेंटर के खुलने से जॉब के नये अवसर भी पैदा होंगे. यहां जो भी स्टूडेंट्स रिसर्च करगें और यहां से निकलेंगे, उनके पास अलग तरह की क्वालिटी होगी. इसस उनके लिए जॉब के बेहतर अवसर सामने आ सकता है. ऐसे स्टूडेंट्स बेहतर सैलरी पर अपनी जॉब को पा सकते हैं. उन्होंने कहा कि अगर कोई एमटेक या बीटेक का स्टूडेंट है तो वह अपनी काबिलियत के अनुसार सैलरी ले सकता है, जबकि साधारण पृष्टभूमि वाला छात्र भी 40 से 50 हजार रुपए प्रति माह की जॉब ले सकता है.