पटना: बिहार विधानसभा शताब्दी समारोह मना रहा है. शताब्दी समारोह के मौके पर विधानसभा में कई कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं. बिहार के तमाम कद्दावर नेता कार्यक्रम में हिस्सा लिया. बिहार विधानसभा शताब्दी वर्ष कार्यक्रम की शुरुआत 11 बजे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया. विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा स्वागत भाषण दिया. इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संबोधित किया. हालांकि कार्यक्रम में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव नहीं आए हैं.
बिहार विधानसभा के 100 साल पूरा होने के अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि यह जनता के आवाज का मंदिर है. बिहार के लिए गौरव की बात है कि आज विधानसभा के 100 साल पूर हुए. बिहार विधानसभा लोकतांत्रिक व्यवस्था में जनता मालिक है. कोरोना काल में सदन की कार्यवाही चली है और आगे इसे नियमित तौर पर चलाया जाएगा. सदन की कार्यवाही सभी के सहयोग से चलती है. कोरोना को लेकर बिहार में कार्य किया गया है और बिहार ने कोरोना काल में ठीक से कार्य किया गया है.
बिहार के विकास के लिए सभी को मिलकर कार्य करना होगा, लोकतंत्र को और मजबूत करने में बिहार की अहम भूमिका रही है. बिहार की जो भी परेशानी है, जनता के मुद्दे हैं, उसे इस सदन में उठाना चाहिए और उठना चाहिए. साथ ही उसपर सरकार को कार्य करना ही होगा.
नीतीश कुमार का संबोधन
- विधायक और एमएलसी सिर्फ जनप्रतिनिधि नहीं होते हैं, वो सभी जनता के प्रतिनिधि हैं.
- सभी की सरकार है, पक्ष-विपक्ष सभी की सरकार है, विधायक ही सरकार हैं.
- इस एक साल में कई कार्यक्रम होंगे, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री भी आएंगे.
- हमें ऐसी भूमिका निभानी चाहिए, जिससे लोकतंत्र मजबूत हो.
- मालिक जनता है, विधायक तो सेवक हैं, यदि कोई भ्रम है तो निकाल लीजिये.
- क्षेत्र में यदि कोई समस्या है, उसे दूर करना विधायक का काम ही नहीं, कर्तव्य है.
- मैं तो आग्रह कर रहा हूं कि सत्र को लंबा कीजिये, लेकिन एक बात है सदन चले तो उसमें भाग भी लें.
- अपनी बात कहें तो सुने भी, जो विपक्ष से सही बात और सुझाव आएगा, उसे हम स्वीकार करेंगे.
- लोकतंत्र को मजबूत करना ही लक्ष्य है, बिहार को आगे बढ़ना है.
- समाज मे 10 प्रतिशत लोग निगेटिव होते हैं, 90 फीसदी लोग सकारात्मक काम को सपोर्ट करते हैं.
- हमलोगों को फिर से सेवा करने का मौका मिला है और सेवा कर रहे हैं.