पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में कई ऐसे मुद्दे है, जिस पर कोई चर्चा ही नहीं कर रहा है. यूं कहें तो इन मुद्दों पर कोई बात ही नहीं करना चाहता है. एनडीए जहां केंद्र सरकार की उपलब्धियों और नीतीश कुमार के विकास कार्य के रिपोर्ट कार्ड को लेकर चुनाव में उतरी है तो, वहीं महागठबंधन बिहार चुनाव में बेरोजगारी के मुद्दे को उछाल रही है.
दरअसल, लोकतंत्र का पर्व शुरू होने से पहले कयास लगाया जा रहा था, बिहार विधानसभा चुनाव में राम मंदिर, धारा 370, सीएए, एनआरसी, सुशांत सिंह राजपूत, हिन्दू-मुस्लिम, जनसंख्या नियंत्रण कानून जैसे मुद्दे उछाले जाएंगे लेकिन अब तक ये सभी मुद्दे गौण हैं. हर कोई विकास और बेरोजगारी की बात कर रहा है.
बेरोजगारी और विकास बना मुद्दा
एक तरफ एनडीए बिहार में लगाए गए बड़े-बड़े पोस्टर्स में मोदी और नीतीश की उपलब्धियों का जिक्र किया गया है, तो वहीं आरजेडी के पोस्टर्स में सिर्फ तेजस्वी दिख रहे हैं. पहले आरजेडी के पोस्टर्स से लालू-राबड़ी गायब हैं. तेजस्वी का कहना है कि अगर बिहार में आरजेडी की सरकार बनती है तो पहली कैबिनेट की बैठक में 10 लाख युवाओं को रोजगार दिया जाएगा.