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बिहार में उपचुनाव: मिशन 2024 से पहले सेमी फाइनल तो नीतीश कुमार के फैसले का होगा लिटमस टेस्ट

बिहार में महागठबंधन आठ घटक दलों के सहारे अपनी ताकत में इजाफा कर चुका है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस ताकत के जरिए 2024 में पीएम मोदी को चुनौती देने के लिए तैयार दिख रहे हैं. तो, वहीं एनडीए नेता भी हुंकार भर रहे हैं. बिहार में मिशन 2024 से पहले तीन विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव होने वाले हैं. राजनीतिक दलों के लिए यह अग्निपरीक्षा की तरह है. विस्तार से पढ़िये किन-किन सीटाें पर चुनाव हाे रहा है (Byelections will be held on three seats in Bihar) और वहां पर किस दल की क्या स्थिति है.

बिहार में उपचुनाव
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Published : Sep 11, 2022, 9:21 PM IST

Updated : Sep 11, 2022, 9:54 PM IST

पटना:बिहार में मिशन 2024 से पहले तीन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं (Byelections will be held on three seats in Bihar). ये सीटें हैं गोपालगंज कुढ़नी और मोकामा. दोनों ओर से तैयारियां की जा रही हैं. एनडीए और महागठबंधन के लिए उपचुनाव मिशन 2024 से पहले सेमीफाइनल की तरह होगा. कुढ़नी और मोकामा जहां राजद के कब्जे में है तो दूसरी तरफ गोपालगंज पर भाजपा का कब्जा है. मोकामा सीट से अनंत सिंह विधायक थे, लेकिन सजा मिलने के बाद उनकी सदस्यता रद्द हो गई.

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बिहार में हाेने वाले उपचुनाव की तैयारी का विश्लेषण, देखिये वीडियो में.

मोकामा सीट (Byelection will be held in Mokama) को लेकर राजद-जदयू में संघर्ष जारी है. मुजफ्फरपुर के कुढ़नी में विधानसभा क्षेत्र (Byelection will be held in Kudhni) से अनिल साहनी विधायक हैं. सजा मिलने के बाद उनकी विधायकी रद्द मानी जा रही है. भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री सुभाष शर्मा गोपालगंज से विधायक थे. लंबी बीमारी के बाद उनका निधन हो गया. उपचुनाव (Byelection will be held in Gopalganj) को लेकर तारीखों का ऐलान नहीं हो सका है, लेकिन जल्द ही तारीखों का ऐलान हो जाएगा. राजनीतिक दल भी तैयारियों में जुट गया है. बिहार में एक बार फिर राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है.


मिशन 2024 से पहले कई मायनों में उपचुनाव महत्वपूर्ण माना जा रहा है. दोनों गठबंधन अपनी ताकत का एहसास कराने की कोशिश करेंगे. उपचुनाव दोनों ही गठबंधन के लिए महत्वपूर्ण होने वाला है. बिहार में नीतीश कुमार ने पाला बदला है और नीतीश के फैसले की भी अग्नि परीक्षा है. अगर तीनों सीट पर महागठबंधन को जीत हासिल होती है तो नीतीश कुमार देश भर में घूम घूम कर कह सकते हैं कि मेरे फैसले पर जनता ने मुहर लगाया और जनता मेरे साथ है.

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अगर तीनों सीटों पर भाजपा का कब्जा हो जाता है तो भाजपा यह प्रचारित करेगी कि नीतीश कुमार ने हमारे साथ धोखा किया और जनता ने भी मत देकर उनके फैसले को गलत साबित किया. साथ ही साथ राजनीतिक दल 2024 के लिए भी अपनी ताकत के बारे में बताएंगे. उपचुनाव को लेकर राजनीतिक दल तैयारियों में जुटी है भाजपा भी अपनी ताकत साथ कराना चाहेगी.

"उपचुनाव हम मजबूती से लड़ेंगे लेकिन 2024 के चुनाव पर उपचुनाव के नतीजों का असर नहीं पड़ेगा"-विनोद शर्मा, भाजपा प्रवक्ता


"उपचुनाव में हम तीनों सीटों पर जीत हासिल करेंगे. बिहार की जनता हमारे पक्ष में है. नीतीश कुमार के चेहरे पर चुनाव में जाएंगे. चुनाव के बाद 2024 के चुनाव में भी हम भाजपा को उखाड़ फेंकने के लिए तैयार हैं".-परिमल कुमार, जदयू प्रवक्ता


राजनीतिक विश्लेषण डॉ संजय कुमार का मानना है कि उपचुनाव बिहार के राजनीतिक दलों के लिए लिटमस टेस्ट की तरह है. 2024 के लोकसभा चुनाव पर भी उपचुनाव का असर पड़ना तय है. नतीजों को राजनीतिक दल अपने अपने तरीके से प्रचारित करेंगे. जहां तक सवाल नीतीश कुमार का है तो नीतीश के फैसले की अग्नि परीक्षा है. अगर जनता ने महागठबंधन के पक्ष में मतदान किया तो नीतीश फैसले को पूरे देश में भुनाएंगे, अगर भाजपा के पक्ष में जनादेश हुआ तो भाजपा नीतीश कुमार के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर मोर्चाबंदी करेगी.

Last Updated : Sep 11, 2022, 9:54 PM IST

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