पटना: केंद्र के बाद अब राज्यों ने भी बजट की तैयारी शुरू कर दी है. इसी कड़ी में बिहार विधानमंडल के बजट सत्र (Budget session of Bihar Legislature) के लिए तारीखों की घोषणा भी कर दी गई है. 28 फरवरी को वित्तीय वर्ष 2022-23 का बजट (Bihar Budget 2022) सदन में पेश होगा. राज्य सरकार महंगाई और बेरोजगारी को देखते हुए बजट पेश करेगी. ऐसे में बजट से राज्य के लोगों को काफी उम्मीदें हैं. राज्य सरकार के बजट से व्यापारी वर्ग भी काफी उम्मीदें लगाए बैठा है.
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पूरे विश्व में कोविड-19 के कहर का असर भारत समेत बिहार पर भी पड़ा था. प्रदेश में इस महामारी से कई व्यापारियों का व्यवसाय ठप हो गया. बहुत सारी दुकानें बंद हो गईं, ऐसे में राज्य के बजट से व्यापारी उम्मीद लगाए हैं कि केंद्र सरकार के बजट में उन्हें कोई राहत नहीं मिली, अब राज्य सरकार के बजट घोषणा पर निगाहें टिकी हैं.
ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कैट अध्यक्ष अशोक वर्मा ने कहा कि राज्य सरकार बजट में ऐसी व्यवस्था करे, जिससे व्यापारियों को ऋण आसानी से मिल सके. साथ ही रोजगार के लिए 10 लाख रुपये लोन सरकार देती है, उसको बढाकर 20 लाख करे, जिससे व्यापारी अपना व्यापार बढ़ा सके. उन्होंने कहा कि महंगाई काफी बढ़ गई है, जिसको ध्यान में रखते हुए बजट पेश किया जाए. व्यापारी वर्ग ही सबसे ज्यादा सरकार को टैक्स देते हैं और जिंदगी भर देते हैं. ऐसे में सरकार व्यापारियों के हित में पेंशन योजना लागू करे, ताकि 60 साल के बाद व्यापारियों को भी पेंशन मिले.
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वहीं सर्राफा कारोबारी वेद प्रकाश ने कहा कि सबसे पहले बजट में सरकार व्यवस्था करे कि व्यापारियों की सुरक्षा किस तरह से हो, हाल के दिनों में जिस तरह से कई व्यापारियों के साथ लूटपाट की घटना हुई है, कई लोगों को मार दिया गया है, इसलिए बजट में सरकार सबसे पहले व्यापारी की सुरक्षा की बात करे. साथ ही उन्होंने कहा कि व्यापारियों को बैंक से ऋण आसानी से नहीं मिल पाता है, इसलिए बैंक के अधिकारियों से सरकार वार्तालाप कर ऋण प्रोसेस को सरल बनाए, जिससे वो आसानी से ऋण ले सके. साथ ही महंगाई को ध्यान में रखते हुए सरकार बजट पेश करे, जिससे कि आम आवाम को भी लाभ हो.