पटना: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने ने बिहार के सुल्तानगंज में एक निर्माणाधीन पुल का हिस्सा गिरने (Nitin Gadkari on the bridge collapse in Bihar) के लिए 'तेज हवाओं' को जिम्मेदार बताने वाले एक बयान पर आश्चर्य जताया है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कोई इस तरह के जवाब पर विश्वास कैसे कर सकता है? मुझे समझ में नहीं आता कि तेज हवाओं के कारण पुल कैसे गिर सकता है.
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हवा से पुल कैसे गिर सकता है? :दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने अपने सचिव से इसका कारण पूछा तो उन्होंने जवाब दिया कि 'ऐसा तेज हवा और धुंध के कारण (1711 crore bridge blown away in a storm) हुआ था.' इस पर आश्चर्य जताते हुए उन्होंने कहा कि एक आईएएस अधिकारी इस तरह के स्पष्टीकरण पर विश्वास कैसे कर सकता है? इस दौरान केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, 'मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि हवा और धुंध के कारण पुल कैसे गिर सकता है? जरूर कुछ गलती हुई होगी, जिससे पुल गिरा.' कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री ने गुणवत्ता से समझौता किए बिना पुलों के निर्माण की लागत कम करने की जरूरत पर बल दिया.
कब गिरा था पुल? : बता दें कि बिहार के भागलपुर के सुल्तानगंज में करीब 1,710 करोड़ रुपए की लागत से बन रहा अगुवानी पुल मामूली सी आंधी नहीं झेल सका और पिछले दिनों 29 अप्रैल को धराशायी (Sultanganj under construction bridge Collapsed) हो गया. इस हादसे की वजह से जानमाल को तो नहीं लेकिन सरकारी खजाने को करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है. खगड़िया से भागलपुर आने के लिए सिर्फ 30 किलोमीटर का सफर तय करना होगा. इस पुल की कुल लंबाई तकरीबन 3.160 किलोमीटर है. इस पुल की आधारशिला 23 फरवरी, 2014 को खगड़िया जिले के परबत्ता में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रखी थी. वहीं 9 मार्च, 2015 को मुख्यमंत्री ने पुल निर्माण का काम शुरू करने के लिए उद्घाटन भी किया था. इस पुल के बनने से आम जनता को बड़ी राहत होगी.