पटना: बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 67 वीं संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक (BPSC 67th PT Paper Leak) होने के मामले में जांच आगे बढ़ने के साथ ही रोज नए खुलासे हो रहे हैं. जांच के बाद यह बात सामने आ चुकी है कि रविवार को परीक्षा प्रारंभ होने के करीब 15 मिनट पूर्व ही प्रश्न पत्र (सी सेट) कई मोबाइल के व्हाट्सएप तक पहुंच गया था. सूत्रों की माने तो बीपीएससी के परीक्षा नियंत्रक तक भी प्रश्न पत्र पहुंच गया था. लेकिन बड़ा सवाल ये है कि बीपीएससी पेपर लीक का मास्टरमाइंड कौन है?.
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संदिग्धों से भी पूछताछ, हाथ लगे अहम सुराग: इस बीच, जांच टीम कई लोगों की पहचान कर पूछताछ कर रही है. इस सिलसिले में जांच एजेंसी ने कई जगहों पर छापेमारी भी की है, जहां से कई सबूत हाथ लगे हैं. कहा जा रहा है परीक्षा नियंत्रक को वायरल प्रश्न पत्र एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा भेजा गया था. उनका मकसद इसकी सत्यता की जांच करवाना था. पूरे मामले की जांच कर रही आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) के सूत्रों का मानना है कि इसमें संगठित गिरोह का हाथ हो सकता है.
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इस बीच सूत्रों की माने तो मामले की जांच कर रही आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने इस मामले में 3 और संदिग्धों को हिरासत में लिया है. इनमें से एक पटना और बाकी के 2 संदिग्ध अन्य जिलों के निवासी बताए जा रहे हैं. इन सभी ईओयू यानी आर्थिक अपराध इकाई पूछताछ कर रही है. बता दें कि ईओयू के साइबर सेल ने इस पूरे मामले में अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कर तफ्तीश में जुटी है. सूत्रों की माने तो ईओयू अगले दो से तीन दिनों में कोई बड़ी कार्रवाई कर सकती है.
कुछ बड़े लोगों से भी पूछताछ संभव:बताया जा रहा है कि जांच टीम वॉट्सएप नंबर की कड़ियों को जोड़ने के प्रयास में जुटी है. पटना से भी चार लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. जिन लोगो की जांच की जा रही है उसके मोबाइल फोन से प्रश्न पत्र डिलीट करने के सबूत भी मिले हैं. जो संदिग्ध पाये जा रहे हैं, उनसे भी सिलसिलेबार तरीके से पूछताछ की जा रही है. इसमें जल्द ही कुछ बड़े लोगों से भी पूछताछ की जा सकती है. जांच टीम जल्द ही इस पूरे मामले में अंतिम निर्णय तक पहुंचने वाली है.
"इस मामले की जांच आर्थिक अपराध इकाई की साइबर सेल की एक विशेष टीम कर रही है. जिसने अब तक चार लोगों को गिरफ़्तार किया है. ये लोग आरा के कुंवर सिंह कॉलेज परीक्षा केंद्र से जुड़े हुए हैं. इनमें बड़हरा के प्रखंड विकास अधिकारी (बीडीओ) एवं कुंवर सिंह कॉलेज के स्टैटिक दंडाधिकारी के रूप में तैनात जयवर्धन गुप्ता, कुंवर सिंह कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. योगेंद्र प्रसाद सिंह, कॉलेज के प्रोफेसर सह परीक्षा नियंत्रक सुशील कुमार सिंह और उसी कॉलेज के व्याख्याता सह सेंटर सुपरिन्टेंडेंट अगम कुमार सहाय को गिरफ्तार किया गया है.'' - नैयर हसनैन खान, एडीजी, आर्थिक व साइबर अपराध शाखा
प्राइवेट कॉलेज में नहीं होगा परीक्षा केन्द्र : इस बीच बीपीएससी द्वारा यह भी निर्णय लिया गया है कि भविष्य में कोई भी परीक्षा निजी कॉलेजों में आयोजित नहीं की जाएगी. आयोग ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि किसी भी स्तर की परीक्षा के लिए भविष्य में निजी कॉलेजों को परीक्षा केंद्र नहीं बनाया जाएगा. साथ ही, सभी जिलाधिकारियों को कहा गया है कि ऐसे पदाधिकारियों की सूची तैयार की जाए, जिनका रिकॉर्ड खराब है. उन्हें किसी भी सूरत में परीक्षा के दौरान दंडाधिकारी नियुक्त नहीं किया जाए. जिलाधिकारी स्वच्छ छवि वाले दंडाधिकारी का चयन करें.
जांच के दायरे में कई अधिकारी : इधर, सूत्रों का कहना है कि कई अन्य कॉलेज भी जांच के दायरे में आए हैं. बताया जा रहा है कि जांच आगे बढ़ने के बाद ऐसे कॉलेजों के केंद्राधीक्षकों से पूछताछ की जा सकती है. सूत्रों की माने तो जांच टीम यह भी पता लगाने में जुटी है कि किस दिन प्रश्न पत्र सभी जिलों को भेजा गया था. इधर, बीपीएससी के भी कई अधिकारी जांच के दायरे में हैं. जांच टीम उन सभी लोगों की जानकारी इकट्ठा कर रही है जो प्रश्नपत्र से जुड़े कार्य में जुटे थे.
टेलीग्राम ग्रुप पर पेपर लीक : बताया जाता है कि रविवार को बीपीएससी पीटी परीक्षा से पहले ही पेपर लीक हो चुका था. टेलीग्राम ग्रुप पर प्रश्न पत्र परीक्षा से कुछ मिनट पहले वायरल हो चुका था. बता दें कि टेलीग्राम एक मोबाइल एप्लिकेशन है. छात्रों ने परीक्षा समाप्त होने के बाद जब वायरल प्रश्न पत्र से परीक्षा में आये सवालों को मिलाया गया तो वायरल प्रश्न पत्र मैच कर गया. इसके बाद से कई स्थानों पर अभ्यर्थियों ने हंगामा करना शुरू कर दिया. बिहार के आरा जिले के वीर कुंवर सिंह कालेज परीक्षा केंद्र पर तो सैकड़ों परीक्षार्थियों ने खूब बवाल काटा.
38 जिलों में 1083 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे : बिहार के कई जिलों में रविवार को बीपीएससी की 67वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा ली गई. इस परीक्षा में लगभग 5 लाख से ज्यादा परीक्षार्थी पूरे राज्य से शामिल हुए थे. बीपीएससी पीटी परीक्षा को लेकर राज्य के 38 जिलों में 1083 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे. राजधानी पटना में ही अकेले 83 केंद्रों पर 55710 छात्र परीक्षा दे रहे थे.
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