पटना:बिहार में पंचायत चुनाव (Panchayat Election 2021) का बिगुल बज चुका है. जनप्रतिनिधि एक बार फिर से हाथ जोड़े जनता से वोट मांग रहे हैं. लेकिन गांवों के विकास की रफ्तार धीमी होने से लोगों में खासा नाराजगी है. ईटीवी भारत की टीम ऐसे ही एक गांव पटना के मसौढ़ी (Masaurhi) के तुलसीचक महादलित बस्ती पहुंची और वहां के ग्रामीणों से बात की.
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मसौढ़ी मुख्यालय से आठ किलोमीटर दूर तुलसीचक महादलित बस्ती है. जहां पर 200 की संख्या में महादलित लोग रहते हैं. यहां के ग्रामीण आज भी विकास की रौशनी से महरूम हैं. ग्रामीणों का कहना है कि सुविधा के नाम पर इस गांव को कुछ नहीं मिला है तो वोट क्यों दे.
5 साल बाद अब जनप्रतिनिधियों को जनता की याद आई है. चुनाव जीतने के बाद इस गांव में न तो कोई जनप्रतिनिधि झांकने आया है और न ही कोई विकास का काम ही किया गया. इस पूरे गांव में शौचालय, आवास योजना, नली-गली समेत कई बुनियादी मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव है.
मुखिया जीतने के बाद देखने तक नहीं आया. न नली है न गली. सुविधाओं का अभाव है. अब चुनाव के समय इन लोगों को हमारी याद आई है.- सुखिया देवी, तुलसीचक निवासी
सुविधाओं के अभाव में लोगों का जीना मुहाल हो गया है. सितंबर में पंचायत चुनाव है ऐसे में लोगों का गुस्सा पनप रहा है. तुलसीचक के ग्रामीणों का कहना है कि जो भी नेता वोट मांगने आएंगे उन्हें इस बार वोट से ही सबक सिखाएंगे. हर बार विकास के नाम पर वोट ले जाते हैं और हम सबको धोखा देते हैं. इस बार उन सभी नेताओं को वोट से सबक सिखाया जाएगा. इन लोगों ने वोट बहिष्कार की बात कही है.
आने जाने का रास्ता तक ठीक नहीं है. पंचायत भवन बनाया गया लेकिन उसमें गेट तक नहीं है. आंगनवाड़ी भी आधा अधूरा ही बनाया गया है.-लालपरी देवी, तुलसीचक निवासी