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Published : May 14, 2021, 5:41 PM IST

Updated : May 14, 2021, 7:08 PM IST

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PMCH में लाल खून का काला कारोबार, दलालों से 60 हजार में खरीदा ब्लड फिर भी नहीं बची मां की जान

पीएमसीएच में चल रहे खून के काले कारोबार का खुलासा हुआ है. यहां दलाल काफी सक्रिय हैं. मरीजों और उनके परिजनों ने बताया कि उन्हें जबरन दलालों के चंगुल में धकेला जाता है. जिंदगी की जद्दोजहद के बीच 'खून' के प्यासे इन 'गिद्धों' पर कार्रवाई करने की जरूरत है. ये रिपोर्ट आपको जरूर देखनी चाहिए...

पीएमसीएच
पीएमसीएच

पटनाःपीएमसीएचमें खून का काला कारोबार चल रहा है. खून के इस गोरखधंधे में अस्पताल के कर्मचारियों से लेकर अधिकारियों तक की संलिप्तता है. खून के इस खेल का खुलासा तब हुआ जब सूबे के सबसे बड़े अस्पताल में भर्ती मरीज के परिजनों ने एक वीडियो बनाकर वायरल किया और मदद की गुहार लगाई. वीडियो में परिजनों ने बताया है कि ब्लड डोनर को अस्पताल से वापस कर दिया जाता है और परिजनों को दलालों के जरिए खून खरीदने के लिए मजबूर किया जाता है.

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दलालों को दे चुके 60 हजार रूपये
भोजपुर के रहने वाले अनूप कुमार ने वीडियो वायरल किया है. उन्होंने बताया कि उनकी मां बीते एक सप्ताह से अस्पताल में भर्ती हुई, लेकिन कोई ध्यान नहीं दे रहा. डॉक्टर के कहने पर वे ब्लड बैंक पहुंचे, लेकिन वहां चल रहे गोरखधंधे के कारण 15 यूनिट खून के बदले उन्होंने अब तक 60 हजार रूपये खर्च हो गए. अनूप ने बताया कि गुड्डू नाम के दलाल ने मदद के नाम पर उनसे कई बार पैसा लिया. अनूप ने हमारे संवाददाता को ट्रांजेक्शन के सारे सबूत भी दिखाए हैं. कुछ कैश और कुछ ऑनलाइन ट्रांजेक्शन किए गए. फिर भी पुख्ता सबूत होने के बाद भी जिम्मेदार खून के दलालों पर कार्रवाई करने से कतरा रहे हैं.

7739422040 नंबर पर किया ऑनलाइन पेमेंट
अनूप ने बताया कि दलालों के हाथों वे बिक चुके हैं. डॉक्टरों ने 20-25 यूनिट खून की आवश्यकता बताई है, लेकिन अब उनके पास पैसे नहीं हैं. गुड्डू नाम के दलाल से लगातार 9472585708 फोन नंबर पर बात हुई है. वहीं खून के बदले 7739422040 नंबर पर उन्होंने ऑनलाइन पेमेंट किया है. यह नंबर किसी शशिकांत के नाम से दिखा रहा है. अनूप ने इसका स्क्रीनशॉट भी दिखाया है.

अनूप ने जारी किया पेमेंट का स्क्रीनशॉट

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''मेरी मां 65 वर्षीय उर्मिला देवी बीते 7 दिनों से पीएमसीएच के टाटा वार्ड में भर्ती थीं, लेकिन डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों की लापरवाही के कारण उनका बेहतर इलाज नहीं हो पाया. डॉक्टरों ने एंडोस्कोपी जांच के कराने के लिए कहा, लेकिन जांच नहीं हो पाई. इसका खामियाजा ये हुआ कि मां उर्मिला देवी की मौत हो गई.''- अनूप, मृतक का बेटा

फिर भी नहीं बची मां की जान
उर्मिला देवी की मौत के बाद अस्पताल प्रशासन सवालों के घेरे में आ गया है. आखिर सवाल ये कि जिंदगी का सौदा करने वाले समाज के इन गिद्धों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हो पा रही है. फिलहाल, आपदा को अवसर समझने वाले इन हैवानों पर कार्रवाई कब होगी इसका इंतजार है.

Last Updated : May 14, 2021, 7:08 PM IST

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