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BJP ने अगड़ी जाति और यादव वोट बैंक पर लगाया दांव, अल्पसंख्यकों को नहीं मिली तवज्जो - बीजेपी वोट बैंक

बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियां तेज हो गई है. राजनीतिक दलों ने जनता को गोलबंद करने के लिए प्रयास शुरू कर दिया है.

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Published : Oct 15, 2020, 1:12 PM IST

Updated : Oct 15, 2020, 3:56 PM IST

पटना:भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा के लिए 110 सीटों पर अपने प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है. पार्टी ने जहां अगड़ी जाति वोट बैंक को साधने की कोशिश की है. वही एम-वाई समीकरण को ध्वस्त करने के लिए भी दाव चले हैं.

बीजेपी ने टिकटों के बंटवारे के बाद प्रत्याशियों के नाम पर फैसला ले लिया है. पार्टी ने 110 सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान भी कर दिया है. भाजपा ने अगड़ी जाति पर दांव लगाया है. सवर्ण के खाते में कुल 51 सीटें गयी है. सबसे अधिक टिकट राजपूत उम्मीदवारों को मिला है. कुल 22 विधानसभा क्षेत्रों में राजपूत उम्मीदवार मैदान में उतारे गए हैं. इसके बाद दूसरे स्थान पर यादव जाति के उम्मीदवारों को जगह मिली है. कुल 16 यादव जाति के उम्मीदवार चुनाव के मैदान में हैं.

एनडीए की बैठक में मौजूद नेता

तीसरे और चौथे स्थान पर इन्हें मिली जगह
तीसरे स्थान पर भूमिहार जाति के उम्मीदवारों की संख्या है. कुल 15 भूमिहार जाति के उम्मीदवारों को टिकट मिला है. चौथे स्थान पर वैश्य उम्मीदवारों को जगह दी गई है. कुल 12 उम्मीदवार मैदान में हैं. पांचवें स्थान पर ब्राह्मण जाति के उम्मीदवार हैं. कुल 11 टिकट ब्राह्मण उम्मीदवारों को मिले हैं. इसके अलावा अति पिछड़ा में 9, कुशवाहा 4, कायस्थ 3, कुर्मी एक और दलित और महादलित जाति के खाते में 15 के आसपास सीटें हैं.

यादव वोट बैंक साधने की कोशिश
भाजपा एम-वाई समीकरण को भी ध्वस्त करना चाहती है. लिहाजा यादव वोट बैंक को साधने के लिए कोई 16 मील वालों को मैदान में उतारा गया है. पार्टी ने अल्पसंख्यकों पर भरोसा नहीं जताया है और अल्पसंख्यक कोटे से एक भी उम्मीदवार मैदान में नहीं है. जाहिर तौर पर पार्टी यादव वोट बैंक में सेंधमारी करना चाहती है.

Last Updated : Oct 15, 2020, 3:56 PM IST

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