पटना: मकर संक्रांति के बाद बिहार की सियासत करवट लेती है. इस बार भी कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. एक तरफ तेजप्रताप यादव खेला होने का दावा कर रहे हैं, तो दूसरी तरफ तेजस्वी दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्री से मुलाकात कर रहे हैं. राजद की ओर से कई तरह के दावे भी किए जा रहे हैं. वहीं तेजस्वी यादव और केसीआर की मीटिंग पर भाजपा ने राजद पर तंज कसा (BJP Statement on Tejashwi Yadav Kcr Meeting) है.
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नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर से मुलाकात की है. तेजस्वी की मुलाकात से बिहार में सियासी पारा चढ़ गया है. भाजपा ने तेजस्वी और तेजप्रताप के सियासत को कटघरे में खड़ा कर दिया है. पार्टी की ओर से कहा गया कि लालू परिवार में मकर संक्रांति के बाद बवाल खड़ा होगा. आपको बता दें कि मकर संक्रांति का इंतजार बिहार के राजनेताओं को रहता है. खरमास खत्म होने के बाद नेता दल बदल का खेल करते हैं और सियासी उलटफेर होता है.
'तेज प्रताप खेला होने का दावा कर रहे हैं. उनका दावा बिल्कुल सही है लेकिन खेला लालू परिवार में होगा. तेजस्वी बिहार में महागठबंधन को नहीं संभाल सके तो राष्ट्रीय स्तर पर कैसे गठबंधन को मजबूत करेंगे. जिसका देश भर में एक सांसद नहीं है, वह क्या पार्टी को चला सकेंगे.'-अरविंद सिंह, भाजपा प्रवक्ता
बता दें कि लालू यादव और केसीआर की पुरानी दोस्ती रही है. दोनों कभी दिल्ली में एक दूसरे के पड़ोसी हुआ करते थे. इस वजह से दोनों की दोस्ती कुछ ज्यादा ही खास रही है. अचानक तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने तेजस्वी यादव को मुलाकात के लिए हैदराबाद आने का निमंत्रण दिया. उनके लिए चार्टर्ड प्लेन भी भेजा. यह एक कर्टसी विजिट था, लेकिन दो राजनीतिक लोग मुलाकात करते हैं तो इसके जाहिर तौर पर सियासी मायने भी होते हैं.