पटना: बोचहां विधानसभा उपचुनाव (Bochahan assembly by election) में मिली करारी हार और 24 एमएलसी सीटों के चुनाव में एनडीए के संतोषजनक प्रदर्शन नहीं कर पाने से बिहार बीजेपी की चिंता बढ़ गयी है. अब बिहार एनडीए के प्रमुख घटक बीजेपी और जदयू के बीच कोआर्डिनेशन (Coordination between BJP and JDU) को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं. चुनाव परिणाम की समीक्षा पर भी सियासत होने लगी है. पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी (Rajya Sabha MP Sushil Kumar Modi) ने भी ट्वीट कर कहा है कि जिस प्रकार से एमएलसी चुनाव और फिर बोचहां विधानसभा उपचुनाव में नुकसान उठाना पड़ा है, एनडीए नेतृत्व को गहन समीक्षा करना चाहिए.
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वोट खिसक जाना अप्रत्याशित: सुशील मोदी ने यह भी कहा है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में एनडीए ने पूरी एकजुटता से शानदार प्रदर्शन किया था. वर्ष 2019 के संसदीय चुनाव में एनडीए के घटक दलों ने पूरे तालमेल से एक-दूसरे को जिताने के लिए मेहनत की थी, जिससे हमारा स्ट्राइक रेट अधिकतम था. गठबंधन के खाते में राज्य की 40 में से 39 सीटें आयी थीं, जबकि राजद सभी सीटें हार गया था. बोचहां विधानसभा क्षेत्र की एक-एक पंचायत में एनडीए विधायकों-मंत्रियों ने जनता से सम्पर्क किया था. पूरी ताकत लगायी गई थी. सरकार ने भी सभी वर्गों के विकास के लिए काम किये और सबका विश्वास जीतने की कोशिश की. इसके बाद भी एनडीए के मजबूत जनाधार अतिपिछड़ा वर्ग और सवर्ण समाज के एक वर्ग का वोट खिसक जाना अप्रत्याशित था. इसके पीछे क्या नाराजगी थी, इस पर एनडीए अवश्य मंथन करेगा.