पटना: नागरिकता संशोधन कानून को लेकर सियासत जारी है. केरल के बाद पंजाब की विधानसभा ने भी इसके खिलाफ प्रस्ताव पारित किए हैं. कांग्रेस शासित कुछ और राज्य भी प्रस्ताव पारित करने की तैयारी कर रहे हैं. राजद ने विरोध करने वाले राज्यों के साथ खड़े रहने का फैसला लिया है. वहीं भाजपा को राजद के स्टैंड पर एतराज है.
CAA पर आमने-सामने केंद्र और राज्य, RJD ने विरोध का दिया साथ, तो BJP ने बताया असंवैधानिक - Nikhil Anand
राजद ने विरोध करने वाले राज्यों के साथ समर्थन में रहने का फैसला लिया है. शिवानंद तिवारी ने कहा है कि अगर राज्य विरोध में प्रस्ताव कर रहे हैं तो हम उनका समर्थन करते हैं. दूसरे राज्यों को भी आगे आना चाहिए. वहीं राज्यों के विरोध को भाजपा ने असंवैधानिक करार दिया है.
राजद ने जताई सहमति
राजद ने विरोध करने वाले राज्यों के साथ समर्थन में रहने का फैसला लिया है. पार्टी उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने कहा है कि केंद्र सरकार ने नागरिकता संशोधन अधिनियम राज्यों के साथ सलाह मशवरा किए बगैर ही लागू कर दिया. केंद्र सरकार ने बहुमत की दबंगई दिखाई है. मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है, अगर राज्य विरोध में प्रस्ताव कर रहे हैं तो हम उनका समर्थन करते हैं. दूसरे राज्यों को भी आगे आना चाहिए.
भाजपा ने करार दिया असंवैधानिक
राज्यों के विरोध को भाजपा ने असंवैधानिक करार दिया है. पार्टी प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा है कि राज्य अगर प्रस्ताव पारित करते हैं तो वह पूरी तरह से संवैधानिक है. नागरिकता केंद्र सरकार का विषय है और केंद्र को ही इस पर अंतिम फैसला लेने का अधिकार है. राजद जैसी पार्टी को ना तो संविधान से मतलब है ना ही देशहित से.