पटना: बिहार विधानसभा चुनाव में सभी प्रमुख पार्टियों ने अपना घोषणापत्र जारी कर दिया है. तेजस्वी यादव ने जहां ऐलान किया है कि अगर उनकी सरकार बनती है तो अपनी पहली कैबिनेट की बैठक में वे 10 लाख युवाओं को नौकरी देंगे. तो बीजेपी ने भी अपने विजन डॉक्यूमेंट में ये कह दिया है कि वे 19 लाख युवाओं को रोजगार देंगे.
बिहार चुनाव के लिए आरजेडी का घोषणापत्र
बिहार चुनाव के लिए महागठबंधन ने जो घोषणा पत्र जारी किया है उसमें युवाओं को नौकरी को सबसे अहम स्थान दिया गया है. इसमें कहा गया है कि 10 लाख सरकारी नौकरी दी जाएगी इसके अलावा बिहार में सरकार बनने के बाद प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिलाया जाएगा. इसके अलावा घोषणपत्र में किए वादे इस तरह से हैं.
- सरकारी नौकरी में बहाली के लिए छात्र-छात्राओं से कोई आवेदन शुल्क नहीं लिया जाएगा.
- राज्य में कर्पूरी श्रमवीर सहायता केंद्र बनेंगे. जहां किसी भी आपदा के वक्त प्रवासी व उनके परिवार को बिहार सरकार से मदद मिल सकेगी.
- मनरेगा के तहत प्रति परिवार के बजाय प्रति व्यक्ति को काम का प्रावधान, न्यूनतम वेतन की गारंटी एंव कार्य दिवस को 100 से 200 दिन किया जाएगा. मनरेगा की तर्ज पर शहरी रोजगार योजना भी बनाया जाएगा.
- संविदा प्रथा को समाप्त कर नियोजित शिक्षकों को स्थाई कर समान काम समान वेतन की नीति पर अमल किया जाएगा. सभी विभाग में निजीकरण खत्म किया जाएगा. साथ ही स्थाई और नियमित नौकरी की व्यवस्था की जाएगी.
- राज्य में वर्ष 2005 से लागू नई अंशदायी पेंशन योजना को बंद कर पूर्व की भांति पुरानी पेंशन योजना लागू की जाएगी.
वहीं, बिहार में बीजेपी ने अपना घोषणापत्र जारी कर दिया. खास बात ये है कि नीतीश कुमार 10 लाख सरकारी नौकरियों का वादा कर चुके तेजस्वी पर तंज कस रहे थे, लेकिन अब उनकी ही सहयोगी पार्टी बीजेपी ने 19 लाख रोजगार देने का वादा किया है. इसके साथ बीजेपी ने 1 करोड़ महिलाओं को स्वावलंबी बनाने का भी वादा किया है. इसके अलावा बिहार के लोगों को कोरोना की फ्री वैक्सीन देने की बात कही गई है.
बीजेपी ने अपने घोषणापत्र में एक लक्ष्य, 5 सूत्र और 11 संकल्प
बीजेपी का एक लक्ष्य बिहार को आत्मनिर्भर बनाना है. वहीं उन्होंने 5 सूत्र और 11 संकल्पों का जिक्र किया है. इसके अलावा लालू-राबड़ी के 15 साल और नीतीश के 15 के की तुलना की गई है. घोषणापत्र जारी करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि लालू-राबड़ी के 15 साल के औद्योगिक उत्पादन का कोई डेटा नहीं मिला, लेकिन एनडीए के 15 साल के शासन में औद्योगिक विकास में 17% का इजाफा हुआ.
बीजेपी का 11 संकल्प
- बिहार के हर निवासी का मुफ्त कोरोना टीकाकरण कराएंगे.
- मेडिकल, इंजीनियरिंग समेत तकनीकी शिक्षा अब हिंदी में उपलब्ध कराएंगे.
- 3 लाख शिक्षकों की नियुक्ति करेंगे.
- आईटी हब के रूप में विकसित कर 5 साल में 5 लाख से ज्यादा रोजगार के अवसर उपलब्ध कराएंगे.
- एक करोड़ महिलाओं को स्वावलंबी बनाएंगे.
- कुल 1 लाख लोगों को स्वास्थ्य विभाग में नौकरी उपलब्ध कराएंगे, अखिल भारतीय आरोग्य संस्थान एम्स का संचालन 2024 तक सुनिश्चित करेंगे.
- धान और गेहूं के बाद अब दलहन की भी खरीद एसएमपी की निर्धारित दरों पर करेंगे.
- ग्रामीण क्षेत्रों तथा शहरी क्षेत्रों के और 30 लाख लोगों को वर्ष 2022 तक पक्के मकान देंगे.
- दो वर्षों में निजी और कॉम्फेड आधारित 15 नए प्रोसेसिंग उद्योग लगाएंगे.
- अगले 2 वर्षों में मीठे पानी में पलने वाली मछलियों के उत्पादन में राज्य को देश का नंबर एक राज्य बनाएंगे
- बिहार के 10 हजार नए किसान उत्पाद संघों को आपस में जोड़कर राज्यभर के विशेष फसल उत्पाद जैसे, मक्का, फल, चूड़ा, मखाना, पान, मसाला, मेंथा, औषधीय पौधों की सप्लाई चेन विकसित करेंगे. इससे प्रदेश में 10 लाख रोजगार के अवसर सृजित होंगे.
कांग्रेस का घोषणा पत्र
कांग्रेस ने भी अपना घोषणापत्र जारी किया है. इसमें 10 लाख नौकरियां, कृषि कर्ज माफी, 1500 रुपये बेरोजगारी भत्ता और बिजली बिल में 50 फीसदी छूट और हाल ही में अस्तित्व में आए तीन कृषि कानूनों को समाप्त करने समेत कई वादे किए हैं.
- 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी देने का फैसला महागठबंधन की सरकार बनने पर पहली कैबिनेट बैठक में लिया जाएगा.
- जिन लोगों को रोजगार नहीं मिल सकेगा, उन्हें 1500 रुपये का बेरोजगारी भत्ता दिया जायेगा.
- बिहार के लिए कांग्रेस के घोषणापत्र में दो एकड़ से कम जोत वाले किसानों की मदद के लिए ‘राजीव गांधी कृषि न्याय योजना’ शुरू करने की बात कही गई है.
कांग्रेस के घोषणापत्र में कई बातें महागठबंधन के सहयोगियों से मिलती जुलती हैं, इनमें 10 लाख लोगों को नौकरियां देना और कृषि कर्ज माफी का वादा शामिल है. कांग्रेस ने कहा कि महागठबंधन की सरकार बनने पर विधानसभा के पहले सत्र में हाल ही में बनाए गए कृषि संबंधी तीन कानूनों को समाप्त करने का विधेयक पारित किया जायेगा.
जेडीयू ने सात निश्चय पार्ट-2 का रखा लक्ष्य
- बिहार विधानसभा चुनाव के लिए जेडीयू ने 'सक्षम बिहार-स्वावलंबी बिहार' को लक्ष्य रखा है. इसके लिए पार्टी ने सात निश्चय पार्ट-2 कार्यक्रम को लागू करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता जताई है.
- सात निश्चय-2 के तहत युवा शक्ति-बिहार की प्रगति, सशक्त महिला-सक्षम महिला, हर खेत तक सिंचाई का पानी, स्वच्छ गांव-समृद्ध गांव, स्वच्छ शहर-विकसित शहर, सुलभ सम्पर्कता और सबके लिए अतिरिक्त स्वास्थ्य सुविधा का वादा किया गया है.
- 'सात निश्चय-1' कार्यक्रम में बिहार के युवाओं को लेकर चलाए गए कार्यक्रम को आगे भी जारी रखने के साथ 'सात निश्चय-2' के युवा शक्ति-बिहार की प्रगति कार्यक्रम के तहत युवाओं को और बेहतर तकनीकी प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी और साथ ही उद्यमिता को और बढ़ावा दिया जाएगा.
- सात निश्चिय-2 के तहत युवाओं के लिए न सिर्फ उच्च स्तर के प्रशिक्षण की व्यवस्था की जा रही है बल्कि उनको अपना व्यवसाय लगाने के लिए सरकार मदद करेगी. नया उद्यम या व्यवसाय के लिए परियोजना लागत का 50 फीसदी या अधिकतम तीन लाख रुपये तक का अनुदान दिया जाएगा.
- सात निश्चिय-2 के सशक्त महिला-सक्षम महिला कार्यक्रम के तहत महिलाओं में उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए विशेष योजना लाई जाएगी. इसके तहत उनकी ओर से लगाए जा रहे उद्यमों में परियोजना लागत का 50 फीसदी या अधिकतम 5 लाख रुपये तक का अनुदान और अधिकतम 5 लाख रुपये तक ब्याज मुक्त लोन दिया जायेगा.
- उच्चतर शिक्षा के लिए प्रेरित करने के लिए इंटर पास होने पर अविवाहित युवतियों को 25,000 रुपये और स्नातक होने पर महिलाओं को 50,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी. क्षेत्रीय प्रशासन में आरक्षण के अनुरूप महिलाओं की भागीदारी बढ़ाई जाएगी.
एलजेपी ने बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट को दी तव्वजो
LJP अध्यक्ष चिराग पासवान ने अपने विजन डॉक्यूमेंट में चार लाख से ज्यादा बिहारियों के विचार को रखा है. उनका कहना है कि इसमें उनके माता-पिता का पूरा अनुभव इसमें शामिल है. चिराग ने कहा कि बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट में सभी की समस्याएं शामिल हैं.